जिला न्यायालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। गिरिडीह जिला न्यायालय में 22 जनवरी को एक दिवसीय विधिक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार नई दिल्ली, झालसा रांची के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार वीणा मिश्रा के मार्गदर्शन में 22 जनवरी को जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह की ओर से व्यवहार न्यायालय परिसर में जिला स्तरीय कंसल्टेशन प्रोग्राम ऑन इफेक्टिव इंप्लीमेंटेशन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस (पोक्सो) एक्ट- 2012 विषय पर इसके सभी स्टेकहोल्डर्स जैसे जिला प्रशासन के कार्यपालक पदाधिकारी, आदि।

पुलिस पदाधिकारी, अधिवक्तागण, मेडिकल ऑफिसर शिक्षा विभाग के पदाधिकारीयों, सीडब्ल्यूसी एवं जेजेबी के सदस्यगण व् अन्य संबंधित विभागों के पदाधिकारियों के साथ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

कार्यशाला का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह वीणा मिश्रा, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय अरविंद कुमार पांडेय, पुलिस अधीक्षक अमित रेनू एवं जिला अधिवक्ता संघ गिरिडीह के अध्यक्ष प्रकाश सहाय द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम के बारे में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार सौरव कुमार गौतम ने बताया कि आज के इस कार्यशाला में समाहित किए गए विषयों के बारे में पोक्सो अधिनियम के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी प्रदान किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला वीणा मिश्रा ने कहा कि पोक्सो एक्ट के लागू होने में 10 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। इसके बावजूद हमारे देश एवं समाज में छोटे-छोटे बच्चों के बीच लैंगिक अपराधों में कमी नहीं हो रही है।

बच्चों को लैंगिक अपराधों से बचाने के लिए कानून के साथ-साथ इसके सभी स्टेकहोल्डर्स को भी संवेदनशील होकर कार्य करने की जरूरत है। इसी को ध्यान में रखते हुए नालसा, नई दिल्ली एवं झालसा रांची के निर्देश पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

इसमें मुख्य तौर पर बच्चों के संपर्क में रहने वाले विभिन्न सरकारी एजेंसियों जैसे जिला प्रशासन के कार्यपालक पदाधिकारीयों, चिकित्सक, शिक्षा विभाग के पदाधिकारी एवं शिक्षकों, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों, अनुसंधानक पुलिस पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं, पारा लीगल वॉलिंटियर्स इत्यादि को संवेदनशील बनाकर इस दिशा में कार्य करने हेतु जागरुक किया जाना ही इसका मुख्य उद्देश्य है।

उन्होंने कहा कि बच्चे हमारे देश के भविष्य हैं। उन्हें सभी प्रकार के अपराधों खासतौर लैंगिक अपराधों से बचाने के लिए हम सभी को सदैव अति संवेदनशील होकर कार्य करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान न्यायधीश कुटुंब न्यायालय गिरिडीह अरविंद कुमार पांडेय ने पोक्सो अधिनियम- 2012 के विभिन्न प्रावधानों के ऊपर जानकारी प्रदान किया।

उन्होंने अभिभावकों तथा विद्यालय के शिक्षकों को अपील किया कि अपने घरों एवं विद्यालयों में बच्चों को इस अधिनियम की बेसिक जानकारी निश्चित रूप से प्रदान करें, ताकि बच्चे स्वयं जागरूक होकर इस प्रकार के अपराध को करने से बच सकें। यदि किसी बच्चे के साथ इस प्रकार का अपराध हो रहा हो तो वह खुलकर अपने अभिभावक एवं कानून के समक्ष अपनी बातों को रख सके। जिससे उन्हें उचित समय पर न्याय के साथ साथ काउंसलिंग प्रदान किया जा सके।

आरक्षी अधीक्षक अमित रेनू ने कहा कि गिरिडीह पुलिस प्रशासन सदैव इस प्रकार के गंभीर और जघन्य अपराध के प्रति संवेदनशील होकर कार्य करती है। पोक्सो अधिनियम 2012 के तहत पुलिस विभाग के लिए निर्दिष्ट किए गए प्रावधानों का अनुपालन करने हेतु पुलिस प्रशासन सदैव तत्पर है।

जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय ने कहा कि आए दिन बच्चों के प्रति बढ़ रहे लैंगिक अपराध समाज के सभी सभ्य जनों के लिए गंभीर चिंतन का विषय है। न्याय प्रशासन एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह के द्वारा आज जो यह कार्यक्रम कराया जा रहा है यह बहुत ही सराहनीय एवं महत्वपूर्ण है।

इसमें पोक्सो अधिनियम से संबंधित सभी स्टेकहोल्डर्स को एक मंच पर उपस्थित होकर इस अधिनियम के बारीकियों के बारे में अपनी समझ बढ़ाने का एक अवसर प्रदान किया गया है जो काफी महत्वपूर्ण है। समाज में निरंतर जागरूकता फैलाकर ही इस प्रकार के अपराध को कम किया जा सकता है।

उद्घाटन के उपरांत कार्यक्रम का तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें यशवंत प्रकाश, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायधीश अष्टम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो अधिनियम गिरिडीह के द्वारा पोक्सो केस के जांच में पुलिस पदाधिकारियों, चिकित्सकों, विशेष लोक अभियोजक, प्रोबेशन पदाधिकारी एवं अन्य सपोर्ट पर्सन की भूमिका तथा उनके क्षमता संवर्धन के बारे में जानकारी प्रदान किया गया।

इस दौरान उन्होंने पोक्सो अधिनियम में सभी संबंधित पदाधिकारियों के लिए दिए गए निर्देशों को उन्हें बताया तथा जांच के दौरान तकनीकी साक्ष्यों के इस्तेमाल के लिए उन्हें प्रेरित किया। अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी श्रुति सोरेन ने पोक्सो विक्टिम के पुनर्वास एवं री-इंटीग्रेशन तथा उसमें आने वाली चुनौतियां इत्यादि के बारे में सभी प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान किया।

सीमा कुमारी मींज प्रधान दंडाधिकारी, किशोर न्याय बोर्ड गिरिडीह द्वारा बाल मैत्री न्यायिक प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान किया गया। जिसमें बालकों के लिए पोक्सो अधिनियम एवं किशोर न्याय अधिनियम में किए गए महत्वपूर्ण प्रावधानों की जानकारी दी गई।

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार सौरव कुमार गौतम द्वारा पोक्सो अधिनियम के तहत पीड़ितों के पुनर्वास के लिए दंड प्रक्रिया संहिता 357ए के तहत प्रदान किए जाने वाले विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के बारे में जानकारी प्रदान किया गया एवं कहा गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह निरंतर इस प्रकार के पीड़ितों के लिए कार्य कर रही है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से जिले के विद्यालयों में संचालित कूल 35 लीगल लिटरेसी क्लबों के माध्यम से निरंतर बच्चों को छोटी-छोटी कानूनी जानकारियों के बारे में जागरूक किया जाता है। इसमें पोक्सो एक्ट अधिनियम, इव टीजिंग, बाल विवाह इत्यादि ज्वलंत एवं स्थानीय मुद्दों के बारे में भी छात्र-छात्राओं को जागरूक कर उन्हें मूलभूत कानूनी जानकारियां प्रदान की जाती हैं।

विभिन्न विधिक सहायता केंद्रों के माध्यम से भी पारा लीगल वॉलिंटियर्स द्वारा झालसा रांची के निर्धारित कैलेंडर के तहत महत्वपूर्ण तिथियों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर आम रहिवासियों के साथ-साथ बच्चों को भी जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने उपस्थित प्रतिभागियों से कहा कि आप अपने आसपास किसी बच्चे के विरुद्ध लैंगिक अपराध एवं अन्य अपराध को होते देखते हैं तो इसकी सूचना पुलिस प्रशासन के साथ-साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकार को भी अनिवार्य रूप से दें, ताकि उनके पुनर्वास एवं अन्य विधिक सहायता उन्हें त्वरित रूप से प्रदान कराया जा सके।

कार्यक्रम अपने निर्धारित समय तक संचालित किया गया। तत्पश्चात जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव चुन्नू कांत द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम का समापन किया गया।

कार्यक्रम में गिरिडीह न्याय मंडल से अरविंद कुमार पांडेय, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय गिरिडीह अजय कुमार श्रीवास्तव, अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय गोपाल पांडेय, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रथम यशवंत प्रकाश, जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अष्टम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो आनंद प्रकाश, आदि।

जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वितीय एसएन सीकदर, जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय अशोक कुमार, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रुति सोरेन, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सीमा कुमारी मींज, प्रधान दंडाधिकारी किशोर न्याय बोर्ड सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारीगण, आदि।

जिला प्रशासन से कार्यपालिका के वरिष्ठ पदाधिकारीगण, पुलिस प्रशासन के पदाधिकारीगण, जिला अधिवक्ता संघ से अधिवक्तागण, सिविल सर्जन गिरिडीह एवं वरिष्ठ चिकित्सकों, जिला शिक्षा पदाधिकारी नीलम एलीन टोप्पो, जिला शिक्षा अधीक्षक विनय कुमार, कल्याण पदाधिकारी जय प्रकाश मेहरा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी शिव शंकर प्रसाद, आदि।

जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी जीतू कुमार, एपीएन देव, डॉक्टर आरपी दास, डॉ सचिन कुमार, डॉ सुजाता दानी, डॉ सर्जना शर्मा, जिला पुलिस प्रशासन से प्रतिनियुक्त उप निरीक्षकों, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रीति सिन्हा, पारा लीगल वॉलिंटियर्स, न्यायिक कर्मचारी गण उपस्थित थे।

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