एस.पी.सक्सेना/बोकारो। कृषि विज्ञान केंद्र पेटरवार में 24 फरवरी को एक दिवसीय कृषक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में क्षेत्र के सैकड़ों प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार (India government) की योजनाएं- कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) एवं एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) के अंतर्गत उपायुक्त बोकारो (Deputy commissioner bokaro) की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण समिति के निर्णय के आलोक में सदस्य सचिव डीडीएम नाबार्ड फिलमोन बिलुंग की अध्यक्षता में कृषि विज्ञान केंद्र पेटरवार में एक दिवसीय कृषक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए डीडीएम नाबार्ड बिलुंग ने केंद्र प्रायोजित इन योजनाओं की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 5 सालों के लिए एफपीओ को सरकार से अनुदान दिया जाएगा। इससे उनका क्षमता वर्धन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के लिए बोकारो जिले में दो एफपीओ गठन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें दो प्रखंड- पेटरवार तथा गोमियां को शामिल किया गया है। इसी के संदर्भ में किसानों को जागरूक करने तथा एफपीओ के गठन के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक उदय कुमार सिंह ने क्षेत्र में एफपीओ के विकास की अपार संभावनाओं को बताया। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र प्रगतिशील है। यहां के किसान काफी मेहनती हैं। उनके उत्पादन को अच्छी कीमत एवं बाजार मिल सके इसमें एफपीओ काफी महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कृषि विज्ञान के स्तर से तकनीकी सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
कार्यशाला में सपोर्ट के जिला कार्यक्रम प्रबंधक तथा जिला स्तरीय कार्यान्वयन एवं अनुश्रवण समिति के सदस्य विनोद कुमार सिंह ने एफपीओ गठन की प्रक्रिया तथा विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक विनय कुमार ने कृषि के क्षेत्र में संभावनाओं तथा एपीओ की भूमिका पर प्रकाश डाला। कृषि विभाग के बीटीएम लूटबरन महतो ने पेटरवार प्रखंड में एफपीओ गठन की व्यापक संभावनाओं को बताया। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक नीना भारती, नंदनी कुमारी, डॉक्टर अनिल कुमार तथा प्रदान के सिद्धार्थ स्वैन ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन विनोद कुमार सिंह द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापन डीडीएम नाबार्ड द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में क्षेत्र के सैकड़ों प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।
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