कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर कोनहारा घाट पर श्रद्धालुओं ने लगायी आस्था की डुबकी

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर 27 नवंबर की सुबह वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर पवित्र नारायणी नदी कोनहारा घाट पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ जुटी। हाजीपुर स्थित हर की पावन भूमि हरिहर क्षेत्र हाजीपुर के सभी घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र नारायणी नदी में आस्था की डुबकी लगाई।

जानकारी के अनुसार बीते 26 नवंबर की अर्ध रात्रि से ही हाजीपुर के कोनहारा घाट पर पवित्र स्नान शुरू हो गया। हाजीपुर में श्रद्धालुओं की सबसे ज्यादा भीड़ कोनहारा घाट पर थी। आस्था और विश्वास का उद्भुत छटा बिखर रहा था। सभी श्रद्धालुओं के चेहरे पर अलग तरह का उल्लास देखा जा रहा था।

इस अवसर पर भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर जिला प्रशासन के साथ भारी संख्या में स्काउट गाइड के कैडेट तैनात देखे गए। अन्य वर्ष की भांति हाजीपुर में इस वर्ष बीते दो दिन से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था।

वैशाली जिले के अलावा, मगध, तिरहुत, मिथलांचल और नेपाल से भी भारी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिये पहुंचे। हाजीपुर के काेनहारा घाट के अलावा सीढ़ी घाट, महेश्वर घाट, पुल घाट, क्लब घाट, बालादास घाट पर श्रद्धालुओं की संख्या लाखो में जुटी थी।

जानकारी के अनुसार हरिहर क्षेत्र का धार्मिक औऱ पौराणिक महत्व है कि यहां कोनहारा घाट के पास गंगा-गंडक संगम में गज और ग्राह के बीच युद्ध हुआ था। काफी बलवान होने के बावजूद पानी में गज कमजोर पड़ गया। तभी गंगा में उसे एक कमल का फूल दिखाई पड़ा।

गज ने अपने सूढ़ में कमल का फूल और गंगाजल लेकर हरि की अराधना की। भक्त की पुकार पर स्वयं हरि पधारे और ग्राह का वध कर गज की प्राण रक्षा की। प्रभु के हाथों मरकर जहां ग्राह को मोक्ष की प्राप्ति हो गई वहीं, गज को नया जीवन मिला। मोक्ष एवं नये जीवन की प्राप्ति की कामना को लेकर हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु हरिहर क्षेत्र हाजीपुर के तमाम घाटों पर स्नान करते हैं।

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