नंद कुमार सिंह/फुसरो (बोकारो)। झारखंड में आयोजित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के लिए 12 मई की शाम चुनाव प्रचार थम गया। चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकी। सभी राजनीतिक दलों के नेता अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में पूरे दिन चुनाव क्षेत्र में डटे नजर आए।
वहीं ग्रामीण इलाकों में उन परिवारों के मुखिया की मान मनोव्वल करते हुए लोग देखे गए। इनके परिवार में मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है। जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए मैदान में उतरे उम्मीदवार अपने अपने वार्डों में हर गांव तक पहुंचने की कोशिश में लगे रहे।
उनके समर्थक अलग-अलग गांव में दिन भर पहुंचते रहे। क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए भी प्रत्याशी अपने-अपने क्षेत्र में हर मतदाता तक पहुंचने की कोशिश में लगे रहे। सबसे अधिक चुनाव प्रचार का उत्साह ग्राम प्रधान पद के लिए देखा गया।
जहां अपने-अपने समर्थकों के साथ शक्ति प्रदर्शन करते हुए मतदाता तक प्रत्याशी पहुंच रहे थे। पैर छूकर बुजुर्गों से आशीर्वाद मांग रहे थे तो बच्चों को दुलार भी कर रहे थे। भरोसा और वादे तो वही पुराने थे, लेकिन कुछ नया करने का भी वायदा प्रत्याशी दे रहे थे। कोई नहीं है टक्कर में क्यों पड़े हो चक्कर में के नारे लगाये जा रहे थे।
वैसे तो बड़े चुनावों में गाड़ियों पर लगे लाउडस्पीकरों से प्रचार होता था, लेकिन इस बार ग्राम पंचायत के चुनाव को भी प्रधान पद के प्रत्याशियों ने लाउडस्पीकर के माध्यम से प्रचार किया। वाहनों पर लगे लाउडस्पीकरों में सबसे अधिक एक ही नारा सुनाई पड़ रहा था कि कोई नहीं है टक्कर में क्यों पड़े हो चक्कर में।
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