दो पदाधिकारी दिल्ली एयरपोर्ट पर तैनात, राज्य प्रवासी कंट्रोल रूम रांची से सीधे संपर्क में
एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड से यूक्रेन मेडिकल की पढ़ाई करने गये छात्र छात्राओं का रूस युक्रेन युद्ध के कारण वापस आने का सिलसिला लगातार जारी है। महत्वपूर्ण यह कि राज्य के मुख्यमंत्री (Chief minister) लगातार छात्र छात्राओं की वतन वापसी पर नजर रख रहे हैं।
नई दिल्ली स्थित झारखंड भवन (Jharkhand Bhawna) की भूमिका भी इसमें महत्वपूर्ण है। यहां के पदाधिकारीगण दिन रात एयरपोर्ट पर यूक्रेन से आनेवाले सभी छात्र छात्राओं की जानकारी लेकर राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष कंट्रोल रूम को सीधे उपलब्ध करा रहे हैं।
शुरुआत से ही झारखंड भवन के सीईओ (CEO) और प्रोटोकॉल पदाधिकारीगण दिल्ली एयरपोर्ट से जानकारी लेकर राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष कंट्रोल रूम को उपलब्ध करा रहे हैं। इसके लिए दो पदाधिकारी बारी बारी से दिल्ली एयरपोर्ट पर नजर रखे हुये हैं।
जानकारी के अनुसार 2 मार्च को झारखंड भवन दिल्ली के प्रोटोकॉल पदाधिकारियों में राकेश खलखो और कुशल पुर्ति ने सभी छात्र छात्राओं को एयरपोर्ट से झारखंड भवन लाया और वहां भोजन व आराम करने की सुविधा प्रदान किया।
बाद में सभी छात्र छात्राओं को पुन: नई दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा दिया गया और सभी रांची पहुंच गये। झारखंड वापस आनेवालों में रांची की प्रियांसू गुप्ता, पलामू मेदिनीपुर के आयुष राज, गोड्डा की श्रुति सुमन, बोकारो के ताबिश अहमद, धनबाद के भाई बहन जोयदीप दत्ता और जोईता दत्ता और अंकित राज शामिल हैं।
इस संबंध में रांची की प्रियांशु गुप्ता ने कहा कि युक्रेन से दिल्ली आते ही झारखंड भवन के पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया और सीधे झारखंड भवन ले गये। भोजन आदि की पूरी व्यवस्था की तथा दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंचा भी दिया।
प्रियांशु ने कहा कि युक्रेन में स्थिति दयनीय है। बार्डर पार बाद रोमानिया सरकार ने शेल्टर होम में हर सुविधा प्रदान किया। हमने खुद़ पहल कर अपनी वापसी का टिकट लिया था।
उसने सरकार (Government) से आग्रह किया कि अभी भी हजारों छात्र युक्रेन में फंसे हैं। उन्हें भी भारत लाने की तुरंत व्यवस्था होनी चाहिए। पलामू के आयुष राज ने कहा कि युक्रेन में बहुत ही भयावह स्थिति थी। वापसी की पहल जल्द करनी होगी।
उसने कहा कि बाद में फिर पढ़ाई पूरी करने जरूर जाऊंगा। उक्त जानकारी राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष की संचालिका शिखा लकड़ा तथा काउंसलर रजनी तापे ने दी।
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