एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। राज्य के कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे अन्यथा मुख्यमंत्री चंपई सोरेन उन्हें अविलंब मंत्री पद से बर्खास्त करे।
उपरोक्त बातें 8 मई को संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह झारखंड तथा छत्तीसगढ़ प्रभारी विजय शंकर नायक ने कही।
नायक ने कहा कि मंत्री आलमगीर आलम के आप्त सचिव संजीव लाल को सस्पेंड करने से काम नहीं चलेगा। जो मास्टरमाइंड है, जिनके इशारे पर यह पैसा वसूली किया गया उसको सस्पेंड करना जरूरी है।
नायक ने कहा कि आज झारखंड के लूट भ्रष्टाचार के कारण झारखंडी समाज का सर शर्म से झुकता जा रहा है। झारखंड राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन भ्रष्टाचारी नेताओं के कारण बदनाम और कलंकित हो रहा है। कहा कि आज झारखंड की छवि दिन प्रतिदिन 24 वर्षों में एक भ्रष्टाचारी राज्य के रूप में बनती जा रही है, जो झारखंड राज्य के लिए शुभ संकेत नहीं है।
नायक ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री को इस दिशा में आवश्यक कड़े कदम उठाने चाहिए। किंतु, परंतु, लेकिन, ना करते हुए अविलंब राज्य के कैबिनेट मंत्री आलमगीर आलम से इस्तीफा ले लेना चाहिए।
अगर इस्तीफा देने में मंत्री द्वारा ना नुकुर किया जाता है तो तुरंत विशेषाधिकार अपनाते हुए बिना समय गंवाये उन्हे मंत्री पद से तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए, ताकि राज्य की जनता के बीच भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का संदेश दिया जा सके।
उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय के उप निदेशक से यह मांग किया है कि राज्य के पूर्व मंत्री एवं वर्तमान मंत्रीयों तथा नौकरशाहो की भी चल-अचल संपत्ति की जांच कराई जाए और संजीव सिंह को भी गिरफ्तार कर कोर्ट से पूछ ताछ हेतु कस्टडी मे लेकर कड़ाई पूछ ताछ किए जाए।
क्योकि ये पूर्व से ही मुख्य अभियंताओं के कमीशन के पैसो को जमीन एंव अन्य जगहो में इन्वेस्टमेंट करने का काम करता था और टेन्डर भी मैनेज करने का काम कर पैसा उगाही का काम कई वर्षो से कर रहा था। कहा कि अगर प्रवर्तन निदेशालय कड़ाई कर पूछताछ करे तो बहुत बड़ा रैकेट का भंडाफोड़ हो सकता है।
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