ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। अक्षय नवमी के अवसर पर 2 नवंबर को बोकारो जिला के हद में तेनुघाट एक नंबर की महिलाओं ने आंवला वृक्ष के नीचे बैठ कर अक्षय नवमी की कथा सुनी। उसके बाद वहीं बैठकर महिलाएं भोजन की।
इस बारे में पूजा कराते हुए स्थानीय पुजारी राजू पंडित ने बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाई जाती है। इसको आंवला नवमी भी कहा जाता है। इस दिन आंवले के पेड़ और भगवान विष्णु की पूजा की खास अहमियत है।
हिंदू धर्म में मान्यता है कि भगवान विष्णु आंवले के वृक्ष में वास करते हैं, इसलिए इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा से शुभ फल प्राप्त होता है। इसलिए इस दिन लोग आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं। साथ ही इस वृक्ष के नीचे बैठकर परिवार के साथ भोजन करते हैं और गरीबों को भी भोजन कराते हैं।
पुजारी के अनुसार धर्म शास्त्रों में आंवले को अमरता का फल माना गया है। कहते हैं कि, यदि अक्षय नवमी के दिन आंवले का सेवन किया जाए तो अच्छे स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। आंवला नवमी के दिन दान पुण्य का काफी अधिक महत्व है। माना जाता है कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक भगवान विष्णु आंवले के पेड़ में विराजमान रहते हैं।
इस अवसर पर पूजा करते समय स्थानीय रहिवासी सुनीता सिन्हा, रीता सिन्हा, सुजाता प्रसाद, शालिनी सिन्हा, सीता यादव आदि मौजुद थी। पूजा करने के बाद सभी ने आंवला वृक्ष के नीचे बैठ कर पंडित को भोजन कराया, उसके बाद परिवार संग बैठ कर स्वयं भी भोजन किया।
151 total views, 2 views today