सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में सेल की रिमोट लोकेशन जैसे कि माइंस में काम करने वाले अधिकारियों को मिलने वाले डिफिकल्ट एरिया सबसिस्टेंस अलाउंस (डासा )के बंद किए जाने के बाद खदान में काम करने वाले अधिकारियों में काफी असंतोष देखा गया।
इसकी एक झलक 24 नवंबर को देर शाम देखने को मिला। जब गुवा सेल अयस्क खान के प्रशासनिक कार्यालय के मुख्य गेट के बाहर बड़ी संख्या में एकत्रित होकर सेल के पदाधिकारियों के द्वारा कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया गया।
ज्ञात हो कि, सेल पदाधिकारियों को पहले 10 प्रतिशत डासा मिलता था। जो कि थर्ड पीआरसी लागू होने के बाद 8 प्रतिशत कर दिया गया था। लेकिन इस 8 प्रतिशत को भी 1 नवंबर से उच्च प्रबंधन द्वारा पूरी तरह से बंद किए जाने का आदेश पारित किया गया है। प्रबंधन के इस निर्णय से सेल के अधिकारियों में काफी अधिक रोष देखा गया।
सेल गुवा ऑफिसर एसोसिएशन के प्रतिनिधि ने बताया कि प्रबंधन द्वारा डासा बंद करने का निर्णय बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं गलत है। उन्होंने बताया कि आज का हमारा प्रदर्शन सांकेतिक है। अगर जल्द ही इसको पुनः चालू नहीं किया गया तो आगे वृहद रूप से आंदोलन किया जाएगा।
इस अवसर पर सेल के पदाधिकारियों ने बताया कि सेल की खदान में मूलभूत सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, आवास, सूचना एवं संपर्क सड़क तथा अन्य आधारभूत सुविधाओं के अभाव में रहते हुए भी वे रात दिन मेहनत कर सेल के उत्पादन लक्ष्य की प्राप्ति एवं लाभ अर्जन में अपना सकारात्मक योगदान कर रहे हैं। ऐसे में प्रबंधन का यह निर्णय सभी को हतोत्साहित करता है।
इस अवसर पर ऑफिसर एसोसिएशन गुवा के प्रतिनिधि श्यामल शाश्वत एवं आलोक यादव उपस्थित होकर कैंडल मार्च का नेतृत्व किया। इस दौरान मौके पर डॉ अशोक कुमार अमन, अमित तिर्की, राजेश सिन्हा, राकेश नंदकोलियर, दयानिधि, सीबी कुमार, आदि।
आरके बांगा, डॉ एस सरकार, एसएम तिवारी, सुमन कुमार, ताराचंद, अविनाश कुमार, अनिल कुमार, वीरेंद्र सिंह, धर्मेंद्र सेठिया सहित काफी संख्या में सेल के अधिकारीगण मौजूद थे।
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