ज्ञान ही सफलता की कुंजी और जीवन की अहम कड़ी है
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। हाल ही में मुंबई उपक्रम नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति और राष्ट्रीय (National) केमिकल्स एण्ड फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (आरसीएफएल और एचपीसीएल) द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
आरसीएफ (RCF) के गंगाधर देशमुख सभागृह में आज़ादी के अमृत महोत्सव वर्ष के मद्दे नजर राजभाषा व नई तकनीक को वर्तमान और भविष्य से जोड़ा गया। मुंबई उपक्रम टॉलिक (Mumbai Undertaking Tolik) के तत्वावधान में भाषा एवं प्रौद्योगिकी पर प्रतिष्ठित फैकल्टी बालेंदु शर्मा दाधीचि का प्रशिक्षण कार्यक्रम में 65 सदस्यों ने हिस्सा लिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बालेंदु शर्मा दाधीचि के प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिंदी को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “ज्ञान हमारे जीवन की अहम कड़ी है। जो जीवन में सफल होने के लिए कुंजी की तरह काम करता है। बिना ज्ञान के कोई भी मनुष्य अँधेरे में ही रहता है, लिहाजा ज्ञान सफलता की पहली कुंजी है।
बहरहाल इस कार्यक्रम में राजभाषा समन्वयकों सहित हिन्दी में बीए, एमए कर रहे छात्रों व इंटेरनेशनल स्कूल (International School) के शिक्षकों ने भाग लिया। आरसीएफएल और एचपीसीएल (RCFL and HPCL) द्वारा आयोजित इस समारोह की अध्यक्षता के यू थंकाचन निदेशक (विपणन) द्वारा किया गया।
समारोह के अध्यक्ष ने राजभाषा से जुड़े सभी प्रतिनिधियों और विशेष रूप से मुंबई उपक्रम के सचिव व महाप्रबंधक अनुपम तिवारी का आभार माना। वहीं कार्यपालक निदेशक सुश्री सुनिता शुक्ल ने कहा कि आज के दौर में राजभाषा को नई तकनीक से जोड़ना आवश्यक है।
इससे हम अपने संवैधानिक दायित्वों को भी बखूबी पूरा कर सकते हैं। अनुपम तिवारी ने कहा कि राजभाषा के प्रचार प्रसार में प्रौद्योगिकी एक अहम कड़ी है जिससे दैनिक कार्य में नवीनता लाई जा सकती हैं।हमारा प्रयास राजभाषा अधिकारियों के अलावा उन सहकर्मियों को प्रशिक्षित करना है जो अन्य विभागों में कार्यरत हैं।
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