समाहरणालय सभागार में एक दिवसीय आपदा प्रबंधन का दिया गया प्रशिक्षण
एस.पी.सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला (Bokaro district) समाहरणालय सभागार में 26 मार्च को उप विकास आयुक्त जय किशोर प्रसाद (Jay kishor Prasad) की अध्यक्षता में अधिकारियों एवं कर्मियों को आपदा प्रबंधन का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। मौके पर जिला निलाम पदाधिकारी राम चंद्र पासवान, विशेष कार्य पदाधिकारी सह जिला योजना पदाधिकारी देवेश गौतम, जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शक्ति कुमार, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा रवि शंकर मिश्रा, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह आदि उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में उप विकास आयुक्त जय किशोर प्रसाद ने कहा कि आपदा का मतलब अचानक होता है। कब किसे कहां किस तरह की विपत्ति का सामना करना पड़े इसे कोई नहीं जानता। इन विपत्तियों से निपटने के लिए सभी को आपदा प्रबंधन की जानकारी होनी चाहिए। कई बार कार्यालय में कार्य के दौरान भी आपदा की समस्या उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में अधिकारियों-कर्मियों को भी आपदा प्रबंधन की जानकारी होनी चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उप विकास आयुक्त ने कहा कि प्रशिक्षण में एनडीआरएफ के अधिकारी एवं उनकी टीम द्वारा जो भी आपदा प्रबंधन की जानकारी दी जा रही है, उसे ध्यान से सुने। कहीं कोई जिज्ञासा हो तो बेझिझक एनडीआरएफ टीम के साथ संवाद करें। साथ ही जरूरत पड़ने पर इनका इस्तेमाल करें। ताकि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य पूरा हो सके।
मौके पर उपस्थित जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शक्ति कुमार ने कहा कि आपदा एक गंभीर विषय है। इससे निपटने के लिए हम कैसे तैयार हो, जागरूक बने इसी को लेकर यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने प्रशिक्षण में बताई गई बातों को ध्यान से सुनने की बात कहीं। 09 वीं बटालियन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के सब इंसपेक्टर जितेंद्र कुमार व उनकी टीम ने क्रमवार अधिकारियों/कर्मियों को आपदा प्रबंधन का गुर सिखाया। टीम ने प्राकृतिक आपदा और मानव जनित आपदा से निपटने की जानकारी देते हुए कहा कि किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय सबसे ज्यादा नुकसान घबराहट के कारण होता है। इसलिए कभी भी घबराएं नहीं। हौसले से काम लें। कई बार आदमी डर और घबराहट में अपनी जान गंवा बैठता है। इसलिए कोई भी आपदा या घटना हो तो शांति से उससे निपटने के उपाय मन में लाएं। कुमार ने कहा कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा आने पर घबराएं नहीं। ऊंचे भवन के नीचे से हटकर खुले मैदान में पहुंचे। टीम ने प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियों/कर्मियों को भूकंप सुरक्षा, आगजनी, बाढ़, सड़क सुरक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। एनडीआरएफ द्वारा ब्लड कंट्रोल और हार्ट अटैक में दिए जाने वाले सीपीआर के विषय में विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहा कि किसी को अचानक हार्ट अटैक हो जाए तो वह व्यक्ति छह मिनट तक जीवित रह सकता है। उस समय में सही तरीके से उपचार मिल जाए तो उनका जीवन बचने की संभावना 90 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। हार्ट अटैक के तुरंत बाद दिए जाने वाले प्राथमिक उपचार जैसे तकनीक का भी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में विभिन्न कार्यालयों के प्रधान इकाई लिपिक, इकाई लिपिक, कंप्यूटर आपरेटर व अन्य कर्मी आदि उपस्थित थे।
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