पीयूष पांडेय/बड़बिल (ओड़िशा)। आंध्र के अधिकारियों ने उपरासेम्बी गांव में पक्के मकान में डाकघर खोला था। उस गांव को अपने राज्य में शामिल करने का प्रयास किया गया था।
ओडिशा के कोरापुट जिले के विवादित कोटिया क्षेत्र में ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच सीमा विवाद का कोई अंत होता नजर नहीं आ रहा है। पड़ोसी राज्य ने बार-बार अलग-अलग तरीकों से अतिक्रमण की कोशिशें की जा रही हैं और ओडिशा उन प्रयासों को नाकाम करता रहा है।
ऐसी ही एक और घटना हाल ही में सामने आई है। कथित घुसपैठ के प्रयास को जारी रखते हुए आंध्र ने विवादित कोटिया पंचायत के उपरासेम्बी गांव में ओडिशा सरकार द्वारा निर्मित बीजू पक्के घर पर अतिक्रमण करने की कोशिश की। आंध्र के अधिकारियों ने उस भवन में एक डाकघर खोला और उस गाँव को अपने राज्य में शामिल करने का प्रयास किया।
हालांकि, सूचना मिलने पर पोट्टांगी तहसीलदार, कोटिया राजस्व निरीक्षक और कोटिया पुलिस ओआईसी मौके पर पहुंचे और घटना की जांच की। जांच के बाद उन्होंने आंध्र के अधिकारियों द्वारा स्थापित डाकघर की नेमप्लेट हटा दी। उन्होंने घर का लाल रंग भी हटा दिया और उसे सफेद रंग में रंग दिया।
बताया जाता है कि इससे कुछ माह पूर्व अविभाजित कोरापुट के पूर्व कलेक्टर संजीब होता और ओडिशा सरकार के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में डाक टिकट संग्रहकर्ता अनिल धीर और डॉ बिश्वजीत मोहंती ने कोटिया डाकघर में कोटिया ओडिशा का है नारे वाला डाक कवर जारी किया था। कोटिया डाकघर के टिकटों वाले सैकड़ों डाक लिफाफे देश के विभिन्न हिस्सों में भेजे गए।
चूंकि कोटिया का पिन कोड-764039 ओडिशा पोस्टल डिवीजन के अंतर्गत है, इसलिए केंद्र ने अपनी मंजूरी दे दी है कि कोटिया ओडिशा के अंतर्गत है। विशेष रूप से कोटिया ग्राम पंचायत के 28 राजस्व गांवों में से 21 के क्षेत्रीय नियंत्रण को लेकर ओडिशा और आंध्र प्रदेश के बीच तीखी विवाद है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित कर निर्देश दिया है कि पार्टियों के बीच यथास्थिति बनाए रखी जाए। आंध्र लगातार सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है और स्थानीय रहिवासियों को लुभाने की कोशिश कर रहा है।
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