एस. पी. सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला के हद में जारंगडीह स्थित के. बी. कॉलेज में 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) ईकाई द्वारा प्राचार्य लक्ष्मी नारायण की अध्यक्षता में जंतु शास्त्र सभागार में दीप प्रज्ज्वलित करते हुए वीर बाल दिवस मनाया गया।
दीप प्रज्वलन में प्राचार्य लक्ष्मी नारायण, प्रो. इंचार्ज गोपाल प्रजापति, आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डॉ अरुण कुमार रॉय महतो, एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ प्रभाकर कुमार एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ साजन भारती शामिल थे।
दीप प्रज्ज्वलन के बाद गुरु गोविन्द सिंह के साहेबजादो की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य लक्ष्मी नारायण ने कहा कि वीर बाल दिवस न केवल गुरु गोविन्द सिंह के साहिबजादो के बलिदान को याद कराता है बल्कि हमारे देश के युवाओं को उनके मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित करने का एक अवसर भी है।
प्रो. इंचार्ज गोपाल प्रजापति ने कहा कि वीर बाल दिवस माता गुजरी, पिता गुरु गोविन्द सिंह और उनके साहेबजादो के बलिदानों तथा उत्पीड़न के सामने उनकी बहादुरी हमारी संस्कृति और भारतीयता की रक्षा के संकल्प का प्रतीक है। उनका बलिदान गर्व और प्रेरणा का श्रोत है, जो हमें बताता है कि कैसे साहस के द्वारा गंभीर से गंभीर चुनौतियों पर भी काबू पा सकते हैं। डॉ अरुण कुमार रॉय महतो ने कहा कि वीर बाल दिवस गुरु गोविन्द सिंह के चारों साहिबजादो की शहादत को याद करना और उनकी बहादुरी को श्रद्धांजलि देना है।एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ प्रभाकर कुमार ने कहा कि वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी करने के संकल्प का प्रतीक है।
यह दिन हमें याद दिलाता है कि छोटी उम्र में भी शौर्य की पराकाष्ठा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य बच्चों में वीरता व बलिदान की भावना को प्रोत्साहित करना है। अन्य वक्ताओं ने भी कहा कि वीर बाल दिवस उन सच्चे वीरों के अप्रतिम शौर्य और उनको जन्म देनेवाली माता के प्रति राष्ट्र की सच्ची श्रंद्धाजलि है।
ज्ञात हो कि, वीर बाल दिवस प्रत्येक वर्ष 26 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिन गुरु गोविंद सिंह के छोटे बेटों बाबा ज़ोराबर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत को समर्पित है। वीर बाल दिवस की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व पर किया था। धर्म त्याग करने पर सब कुछ दिए जाने का प्रलोभन या इसे नहीं मानने पर अमानवीय यातनाएं झेलते हुए मृत्यु के विकल्प में से छोटे साहिबजादो ने शहिद होने का संकल्प लिया।
इन साहिबजादो ने अपने को सर्वस्व राष्ट्र, संस्कृति व धर्म हित के लिए समर्पित कर दिया। इस महान शहादत के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए व उनकी वीरता को स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने प्रतिवर्ष 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस घोषित किया। दिसंबर के अंतिम सप्ताह को शोक और शौर्य का सप्ताह कहा जाता है।
इस अवसर पर एनएसएस स्वयं सेवकों ने पोस्टर, निबंध और भाषण के माध्यम से वीर बाल दिवस का संदेश देने का कार्य किया, जिसमें सुमीत कुमार सिंह, मोहिनी कुमारी आदि प्रमुख थे। मंच संचालन डॉ प्रभाकर कुमार और धन्यवाद ज्ञापन डॉ अरुण रंजन ने किया।
मौके पर उपरोक्त के अलावा डॉ शशि कुमार, डॉ वासुदेव प्रजापति, प्रो. अमीत कुमार रवि, प्रो. विपुल कुमार पांडेय, प्रो. संजय कुमार दास, प्रो. सुनीता कुमारी, कार्यालय कर्मी रविंद्र कुमार दास, सदन राम, रवि यादविंधु, मो. साजिद, दीपक कुमार राय, शिव चन्द्र झा, बालेश्वर यादव, मेहरान शिवेंद्र, आबिद जहान, सूरज बेसरा, विनोद केवट समेत कॉलेज के एनएसएस स्वयं सेवकों की उपस्थिति रही।
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