प्रखंडो से एक-एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का एनक्वास प्रमाणीकरण लक्ष्य-डीपीएम

सारण में अब तक दो स्वास्थ्य केंद्रों को मिला एनक्वास प्रमाण पत्र

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिले में स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक प्रखंड से एक-एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को एनक्वास (नेशनल क्वालिटी असुरेंस स्टैंडर्ड) प्रमाणीकरण दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

प्रमाणीकरण मिलने पर स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। जिले के 20 प्रखंडो से एक-एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को एनक्वास के लिए तैयार किया जा रहा है। उक्त बाते सारण के जिला परियोजना प्रबंधक (डीपीएम) ने कही।

मालुम हो कि आम जनों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए उपरोक्त अहम कदम उठाए जा रहे हैं। जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने 2 दिसंबर को बताया कि अब तक सारण जिले के दो स्वास्थ्य केंद्रों यथा यूपीएचसी मासूमगंज और एचडब्ल्यूसी फुलवरिया को एनक्वास का प्रमाण पत्र मिल चुका है। उन्होंने बताया कि दिघवारा प्रखंड के हद में शीतलपुर डीह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का स्टेट टीम द्वारा असेस्मेंट किया जा चुका है।

अब जिले के सभी अनुमंडल क्षेत्रों से एक-एक एचडब्ल्यूसी को भी इस प्रमाणीकरण के लिए तैयार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत इन केंद्रों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानकों के तहत सर्टिफाइड किया जाएगा, ताकि आम जनों को उच्च स्तर की स्वास्थ्य सेवा मिल सके। यह कदम मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है, जिससे हर व्यक्ति को समुचित इलाज और स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।

स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है आंतरिक मूल्यांकन

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीसी रमेश चंद्र कुमार ने बताया कि फिलहाल सारण जिला के तीन सेंटर राष्ट्रीय गुणवत्ता आवश्वासन मानक के तहत प्रमाणीकरण को लेकर तैयार है। जिसमें मांझी के मटियार स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, सोनपुर का गोविन्दचक और अमनौर प्रखंड के अपहर का एचडब्ल्यूसी शामिल है। जिसका आंतरिक मूल्यांकन किया जा चुका है। उन्होने बताया कि इसकी तैयारी को लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गयी है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के चेकलिस्ट के अनुसार कार्य किया जा रहा है। व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने पर विशेष फोकस किया जा रहा है। जिसमें सीएचओ, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम, केटीएस, एसटीएस, एसटीएलएस, डाटा ऑपरेटर को अलग-अलग कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

*मरीजों और स्वास्थ्य संस्थानों के बीच विश्वास का निर्माण*
बताया गया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत, स्वास्थ्य सेवाओं के सभी पहलुओं जैसे- चिकित्सा, नर्सिंग, प्रशासन और रोगी देखभाल की गुणवत्ता को मानक के अनुरूप तैयार किया जाता है। ताकि स्वास्थ्य संस्थानों में आने वाले सभी मरीजों को उच्च गुणवत्ता के साथ उचित सलाह और उसका सही उपचार मिल सकें।

इसके अलावा यह मानक स्वास्थ्य कर्मियों की शिक्षा और प्रशिक्षण के स्तर को भी सुधारने में काफी मददगार साबित होता हैं, जिससे उनकी दक्षता बढ़ती है। बताया गया कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य यह भी है कि मरीजों और स्वास्थ्य संस्थानों के बीच विश्वास का निर्माण करता है। जब मरीजों को यह विश्वास हो जाता है कि वह उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्राप्त कर रहा है, तो उनकी संतुष्टि बढ़ती है।

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