पीयूष पांडेय/बड़बिल (ओड़िशा)। देश में स्वच्छता को लेकर केंद्र सरकार ने वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण कराया था। इसके नतीजे बीते 11 जनवरी को घोषित किए गए। देश में सबसे स्वच्छ शहर का प्रथम स्थान एक बार फिर इंदौर बरकरार रखने में सफल रहा। विजेताओं को नई दिल्ली में केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 दिया गया।
ओडिशा के लिए यह सर्वेक्षण निराशाजनक रहा। इसके किसी भी शहर को देश के सबसे स्वच्छ शहरों की शीर्ष 30 सूची में जगह नहीं मिली है। लगातार सातवीं बार मध्य प्रदेश के इंदौर को भारत का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया। गुजरात के सूरत ने इंदौर के साथ सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार भी साझा किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने अपना वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण कराया था और इसके नतीजे भी घोषित किए गए। स्वच्छ सर्वेक्षण में ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर को 34वां स्थान मिला है। भुवनेश्वर नगर निगम ने स्वच्छ शहर पुरस्कार और पहला वाटर प्लस पुरस्कार पाया है।
हालाँकि, ओडिशा के रहिवासियों ने यह कहते हुए आपत्ति जताई है कि शहर के विभिन्न हिस्सों में कूड़े का ढेर लगा है। इसे अक्सर साफ भी नहीं किया जाता है, जबकि कई इलाके के रहिवासी सड़ते कूड़े से दुर्गंध का सामना कर रहे हैं।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के रहिवासी दिलीप पात्रा ने 12 जनवरी को आरोप लगाया है कि यहां के कई कॉलोनियों में अभी भी कूड़े के ढेर पाए जाते हैं। अन्य स्थानों पर नालियों को साफ नहीं की जाती हैं, जिसके कारण यह महीनों तक भरी रहती हैं और व्यवस्था को मुंह चिढ़ाती रहती है।
ओडिशा को 34वां स्थान मिलने को लेकर भुवनेश्वर के बीएमसी मेयर सुलोचना दास ने खुशी की मुस्कान बिखेरते हुए गर्व से कहती है कि भुवनेश्वर को स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार मिला है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण में भुवनेश्वर 80वें स्थान पर था। इस वर्ष इसकी रैंक 34वीं है। यह ख़ुशी की बात है। उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर को पहले जल प्लस शहर और कचरा मुक्त शहर के रूप में सम्मानित किया गया है।
165 total views, 1 views today