देश की रीढ़ हैं महिलाएं और युवतियां – भाई जगताप
प्रहरी संवाददाता/मुंबई। पिंक रन मैराथन प्रतियोगिता (Pink Run Marathon competition) में कुल 6,000 महिला धावकों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में महिलाएं और युवतियां को तीन आयु वर्ग में विभाजित किया गया था।
इनमें 18 से 35, 35 से 55 और 55 से अधिक आयु वर्ग के करीब 6,000 धावकों ने हिस्सा लिया। पिंक मैराथन में 18-35 आयु वर्ग में अली बाग तामर्थजा स्कपाल ने पहला स्थान हासिल किया।
वहीं चैप्लों, रत्नागिरी की शशक्ति पदियाल ने दूसरा, डोंबिवली की प्रियंका पिकेराव ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। जबकि 35-55 आयु वर्ग में अरुणा मिश्रा ने पहला स्थान हासिल किया। दूसरा स्थान आंचल मारवाड़ और तीसरा स्थान क्रांति साल्वी को मिला।
इसी तरह 55 से अधिक आयु वर्ग में वेनेट्री डिसूजा पहले, दक्ष कनाविया दूसरे और बीना छेड़ा तीसरे स्थान पर रहीं। तीनों समूहों के विजेताओं को पुरस्कार के रूप में एक टी-शर्ट दी गई।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंबई कांग्रेस (mumbai Congress) अध्यक्ष भाई जगताप और कार्यवाहक अध्यक्ष चरण सिंह सुप्रा के नेतृत्व में “पिंक रन मैराथन” का आयोजन किया गया था। इसका उद्घघाटन राजस्व मंत्री बाला साहिब थोराट ने किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय (National) नेता प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में कहा था, ”मैं एक लड़की हूं, देश में लड़कियों और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लड़ सकती हूं.” अभियान शुरू हो गया है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश में युवतियों और महिलाओं के बीच एक नई जागरूकता पैदा किया है। इस अभियान से पूरे देश में युवतियों और महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है।
इस अवसर पर मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप, अध्यक्ष चरण सिंह सुप्रा, सिटी केयरटेकर मंत्री असलम शेख, राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़, एआईसीसी विशेष अतिथि थे।
मुंबई कांग्रेस के कोषाध्यक्ष भूषण पाटिल, महासचिव संदीप कोंडुलकर, सहायक कोषाध्यक्ष अटल बहादुर, मुंबई कांग्रेस सचिव वनिता वोरा, युवा नेता सूरज सिंह ठाकुर उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए भाई जगताप ने कहा कि कोडोबा की वजह से पिछले दो साल से घेराबंदी कर रहा मुंबई शहर (Mumbai City) आज फिर पिंक रन मैराथन से गुजरा है। आदि।
हमारी राष्ट्रीय नेता प्रियंका गांधी द्वारा शुरू किया गया “बी ए गर्ल, आई कैन फाइट” अभियान आत्मनिर्भरता, आत्मनिर्भरता, गरिमा, शिक्षा, स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता पैदा करके देश में लड़कियों और महिलाओं को सशक्त बनाने का एक आंदोलन है।
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