गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला (Vaishali district) व्यवहार न्यायालय हाजीपुर स्थित तीन सत्र न्यायालय ने तीन अलग- अलग मामलों में नौ हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सजा के साथ अन्य तीन को हत्याकांड में संलिप्तता के अरोप मे तीन साल से 5 साल तक सश्रम कारावास के साथ अर्थदण्ड की सजा सुनाई गई।
जानकारी के अनुसार पहली घटना वैशाली जिला के हद में महुआ थाना क्षेत्र के विलंदपुर गांव की है, जिसमे 23 अप्रैल 2019 को दो मासूम बच्चे (3 वर्ष केउत्कर्ष कुमार और साढे तीन वर्ष के अरुण राज) दोनों चचेरे भाई को उसके चचेरे चाचा जसवंत कुमार उर्फ बबलू ने धारधार हथियार से हत्या कर दी।
इस मामले की सुनवाई अपर जिला सत्र न्यायाधीश आशुतोष राय के न्यायालय में हुई। न्यायालय ने दो मासूमों के हत्या का अभियुक्त जसवंत कुमार को दोषी मानते हुए बीते 11 अप्रैल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी।
इस केस में जिला लोक अभियोजक वीरेन्द्र नारायण सिंह ने दो मासूम बच्चों की नृशंस हत्या के मामले में आरोपी जसवंत कुमार उर्फ बबलू को मृत्यु दंड देने की न्यायालय से मांग की, लेकिन न्यायालय ने दोषी को आजीवन कारावास एव दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
दूसरे कांड में एडीजे 12 घनश्याम सिंह के न्यायालय द्वारा गंगा ब्रिज थाना क्षेत्र के तेरसिया गांव में प्रदीप राय के भतीजा गंगा राय, मुनेश्वरा राय ने बाइक से धक्का मारकर पूरी तरह जख्मी कर दिया। उसको बचाने में रामसागर राय को पेट में हसुआ पेशकर हत्या की गई थी। इस घटना में जोगीरा राय, अमरजीत राय, राम प्रसाद राय एवं लाल बहादुर को भी जख्मी कर दिया गया था।
इसी मामले में लोक अभियोजक द्वारा कराए गए साक्ष्यों के प्रति परीक्षण में आरोपियों मुनेश्वर राय, कामता राय, भुनेश्वर राय को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास तथा 50 हजार रुपया अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। वही योगेश्वर राय को 5 वर्ष का सश्रम कारावास 40 हजार एवं लालकृष्ण राय को 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो – दो हजार रुपये अर्थदण्ड की सज़ा सुनाया गया।
तीसरा मामला जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम उदावंत कुमार के न्यायालय का है, जिसमे राघोपुर थाना के तेरसिया गांव में 18 मई 2006 को रामेश्वर राय के पुत्र शत्रुघन राय की पंचायत चुनाव की रंजिस में गोली मार कर हत्या हुई थी।
जिसमें न्यायालय ने आरोपी मोहन राय, गंगा राय, बिरहा राय, भुनेश्वर राय तथा सुरेश राय को हत्या का दोषी करार देते हुये पांचों को आजीवन कारावास तथा 35 -35 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
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