गंदा पानी पीने और कीचड़ भरे रास्ते से गुजरने को मजबूर लोग
संवाददाता/ खड़गपुर। झाड़ग्राम जिला (Jhargram district) अन्तर्गत बिनपुर दो नंबर ब्लॉक के सुखजोडा गांव (Sukhjora Villege) के ग्रामीण इन दिनो गंदा पानी पीने और गंदा जल, कीचड़ से भरे रास्ते से गुजरने को मजबूर हैं। साफ शब्दों मे कहा जाय तो सुखजोडा गांव खुद ही डायरिया और मलेरिया जैसे रोग को दावत दे रहा हैं। गौरतलब है कि सुखजोडा गांव की अधिकतर सड़कें कच्ची हैं। इलाके मे हल्की सी बारिश होने पर सड़क कीचड़ मे तब्दील हो जाती हैं। कुछ इलाको मे सड़क तालाब जैसे दिखाई पडते हैं। पेयजल के लिए ग्रामीणों को कुएँ और तालाब पर ही निर्भर रहना पड़ता है।
गंदा पानी कुएँ मे प्रवेश कर जाने से लोगो को गंदा पानी पीना पड़ रहा है। गांव मे निकासी व्यवस्था सटीक ना होने के कारण पूरा गांव गंदगी के चपेट मे हैं। इलाके मे मच्छरों का आतंक भी हद से ज्यादा हैं। इलाके के ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के दौरान गांव मे नेता आते हैं। सडक और पेयजल इलाके मे चुनावी मुद्दा बन जाते हैं। समस्याओं का समाधान करने का आश्वासन दिया जाता हैं। चुनाव खत्म होते ही राजनितिक पार्टियां अपने अपने चुनावी वादे भूल जाती हैं।
ग्रामीणों की समस्या जस की तस रह जाती हैं। मालूम हो कि इलाके की ग्राम पंचायत प्रधान शिप्रा बेज ने तृणमूल के टिकट पर चुनाव जीता था। चुनाव के दौरान ग्रामीणों से किया गया वादा को निभाने मे असमर्थ रहीं। जिसके कारण ग्रामीणों मे ग्राम पंचायत प्रधान के प्रति काफी रोष है। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि अगर हमे कीचड़ भरे रास्ते से गुजरना ही है और गंदा पानी पीकर डायरिया मलेरिया जैसे रोग के चपेट मे आना ही है तो हम मतदान क्यो करें। राजनितिक पार्टियों को सेवा के नाम पर मेवा खाने क्यों दें। सुखजोडा ग्राम पंचायत प्रधान शिप्रा बेज का कहना है कि इलाके मे उन्यन कार्य करने के लिए फंड की जरुरत हैं। इसके लिए जिला परिषद को लिखित सूचित किया गया है। गांव मे मलेरिया और डायरिया जैसे रोग को रोकने के लिए नियमित ब्लिचिंग पाउडर का छिड़काव किया जाता है।
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