नई दिल्ली। पिछले पांच दिनों के भीतर उत्तर प्रदेश में हुए ट्रेन हादसों से दुखी होकर नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस्तीफे की पेशकश की है। हालांकि उनका इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है। सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी सुरेश प्रभु का इस्तीफा मंजूर कर सकते हैं। सूत्रों की मानें तो लगातार बढ़ रहे ट्रेन हादसों को सरकार उनके इस्तीफे से जोड़कर नहीं दिखना चाहती हैं, बल्कि ऐसा शो करना चाहती हैं कि कैबिनेट फेरबदल में उनको हटाया गया।
I met the Hon'ble Prime Minister @narendramodi taking full moral responsibility. Hon’ble PM has asked me to wait. (5/5)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
I am extremely pained by the unfortunate accidents, injuries to passengers and loss of precious lives. It has caused me deep anguish (4/5)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
In less than three years as Minister, I have devoted my blood and sweat for the betterment of the Railways (1/5)
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) August 23, 2017
बुधवार को एक के बाद एक किए कई ट्वीट्स में प्रभु ने कहा- तीन साल से भी कम वक्त के दौरान मैंने मंत्री रहते हुए खून पसीने से रेलवे की बेहतरी के लिए काम किया। हाल में हुए हादसों से मैं काफी आहत हूं। पैसेंजरों की जान जाने, उनके घायल होने से मैं दुखी हूं। इससे मुझे बहुत पीड़ा है। इन हादसों की मैं नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। पीएम ने मुझे इंतजार करने को कहा।
बता दें कि इससे पहले, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके मित्तल ने इस्तीफा दे दिया। बीते एक हफ्ते में दो रेल हादसों के बाद रेलवे प्रशासन दबाव में है। शनिवार को मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में कलिंग-उत्कल एक्सप्रेस के हादसे का शिकार होने की वजह से 22 लोगों की जान चली गई थी। 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। वहीं, बुधवार को आजमगढ़ से दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस एक बालू के डंपर से टकरा गई, जिसकी वजह से 78 लोग घायल हो गए। दोनों ही हादसों में रेलवे अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगा है।
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