साभार/ नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक महाघोटाले ने देश में सनसनी फैला दी है। पंजाब नेशनल बैंक से करीब 11,300 करोड़ रुपये के इस महाघोटाले से निवेशक परेशान हैं। लेकिन यह समस्या काफी गंभीर हो सकती है। आरबीआई के आंकड़ों की मानें तो बैंकिंग सेक्टर में हुए लोन फ्रॉड की रकम 11 हजार करोड़ से कई गुना ज्यादा है।
इसके मुताबिक, पिछले पांच वित्तीय वर्ष से 31 मार्च, 2017 तक बैंकों में लोन फ्रॉड के 8,670 मामलों की शिकायत सामने आई है, जो कि कुल 60,000 करोड़ रुपये के हैं। बैंकिंग सेक्टर में बैड लोन के मामले पिछले साल कुल 149 बिलियन डॉलर तक पहुंचे चुके हैं। ताजा वित्तीय वर्ष में बैंक लोन फ्रॉड भी तेजी से बढ़कर 176.34 बिलियन रुपये तक पहुंच चुके हैं। डाटा के अनुसार, 2012-13 में यह आंकड़ा 63.57 बिलियन रुपये था, जिसमें पीएनबी फ्रॉड शामिल नहीं है।
हालांकि, आरबीआई ने इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन जून 2017 में सेंट्रल बैंक ने अपनी फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में बताया कि वित्तीय संस्थाओं में फ्रॉड के मामले बड़ा रिस्क सेक्टर बनकर उभर रहे हैं।
नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के पासपोर्ट सस्पेंड
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,345 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सामने आने के दो दिन बाद सरकार ने शुक्रवार को नीरव मोदी व मेहुल चिनूभाई चोकसी के पासपोर्ट चार हफ्तों के लिए सस्पेंड कर दिए। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “प्रवर्तन निदेशालय की सलाह पर विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट जारी करने वाली अथॉरिटी ने नीरव मोदी व मेहुल चिनूभाई चोकसी के पासपोर्ट की वैलिडि़टी तत्काल प्रभाव से चार हफ्तों के लिए यू/ए पासपोर्ट अधिनियम 1967 के 10(ए) के तहत सस्पेंड कर दी है।”
बयान में कहा गया है, “नीरव मोदी व मेहुल चिनूभाई चोकसी को एक हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा गया है कि पासपोर्ट अधिनियम 1967 की धारा 10 (3) (सी) के तहत उनका पासपोर्ट क्यों न रद्द कर दिया जाए। यदि वे निर्धारित समय के भीतर जवाब देने में नाकाम होते हैं तो यह माना जाएगा कि उनके पास प्रस्ताव का कोई जवाब नहीं है और विदेश मंत्रालय आगे की कार्रवाई करेगा।”
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