साभार/ मुंबई। पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में शहीद जवानों में से महाराष्ट्र के भी दो वीर जवान हैं। शहीदों के नाम नितिन राठौर और संजय राजपूत हैं। दोनों जवान राज्य के विदर्भ क्षेत्र के बुलढाणा जिले से थे। बुलढाणा जिले के लोणार तालुका चोरपांगरा गांव के नितिन शिवाजी राठौर के घर में उनकी पत्नी वंदना, बेटा जीवन, बेटी जीविका, मां सावित्री बाई, पिता शिवाजी, भाई प्रवीण मसेत दो बहने हैं। वह घर में एकमात्र कमाने वाले थे। उनके निधन से पूरे गांव में शोक की लहर है। नितिन 2006 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनके दोनों बच्चे अभी नाबालिग हैं।
हमले में शहीद हुए संजय राजपूत भी बुलढाणा जिले के ही रहने वाले हैं। संजय राजपूत का परिवार जिले के मलकापुर के लखानी प्लॉट में रहता है। 49 वर्षीय संजय राजपूत नागपुर में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। संजय राजपूत ने 20 वर्ष की सेवा पूरी कर ली थी, जिसके बाद उन्होंने सीआरपीएफ में अपनी सेवा पांच वर्ष के लिए और बढ़वा ली थी। उनके दो बच्चे हैं, जिनकी उम्र 13 और 10 साल है। साथ ही परिवार में चार भाई और एक बहन है। उनके एक भाई की कुछ दिन पहले ही एक ऐक्सिडेंट में मौत हो गई थी।
प्रभादेवी के सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने शहीदों के परिवार को 51 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया। मंदिर प्रबंधन के मुताबिक, पुलवामा में आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों को लेकर पूरे देश में रोष का माहौल है। शहीद जवानों के परिवारवालों के साथ पूरा देश खड़ा है। सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट की तरह पुणे के मेरी टेक्निकल इंस्टिट्यूट ने भी 25 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया है।
शहीदों के परिजन को महाराष्ट्र सरकार ने 50-50 लाख रुपये मदद देने की घोषणा की है। शहीदों के परिवार के पुनर्वास की जिम्मेदारी भी सरकार उठाएगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आतंकी हमले की कठोर निंदा की।
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