साभार/ नई दिल्ली/ त्रिपुरा। लोकसभा (Loksabha) में सोमवार को पास हुए नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment) Bill) को लेकर चल रहे हंगामे के बाद त्रिपुरा (Tripura) प्रशासन ने राज्य में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। असम (Assam) के डिब्रूगढ़, जोरहाट व गुवाहाटी, त्रिपुरा के अगरतला और मणिपुर (Manipur) के इम्फाल में इस बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है. लोग इस बिल के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं।
त्रिपुरा सरकार ने एक पत्र में लिखा कि त्रिपुरा के डीजीपी को ऐसी खबरें मिली हैं कि राज्य के मनु और कंचनपुरम इलाके में आदिवासी और गैर-आदिवासी क्षेत्रों में संघर्ष हुए हैं। उन्होंने बताया कि ये देखा गया है कि लोग एसएमएस, वॉट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब के जरिए फर्जी तस्वीरें और वीडियो शेयर कर रहे हैं। साथ ही लोगों में ऐसे मैसेज भेजे जा रहे हैं जिसके चलते राज्य में बड़े स्तर पर हिंसा फैलने की आशंका है।
इन हालातों को देखते हुए राज्य सरकार ने मंगलवार दोपहर 2 बजे से 48 घंटों के लिए एसएसएस भेजने पर रोक लगा दी है और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं। पत्र में कहा गया कि यह रोक प्रेस संबंधी मैसेज भेजने के लिए भी जारी रहेगी।
वहीं लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किए जाने के विरोध में एनईएसओ द्वारा आहुत बंद में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को त्रिपुरा के धलाई जिले के एक बाजार में आग लगा दी। इस बाजार में ज्यादातर दुकानों के मालिक गैर-आदिवासी हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ है और मनुघाट बाजार में लगी आग बुझा दी गई है। अधिकारी ने बताया, ‘‘बाजार में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं, लेकिन इस घटना से गैर-आदिवासी लोगों के मन में भय है, जो ज्यादातर दुकानों के मालिक हैं।’’ उन्होंने बताया कि बंद को त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों में भारी समर्थन मिला है।
असम में भी विरोध प्रदर्शन जारी
वहीं असम में नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ और छह समुदायों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान किए जाने की मांग पर दबाव बनाने के लिए ऑल मोरान स्टूडेंट्स यूनियन (एएमएसयू) द्वारा 48 घंटे के असम बंद के पहले दिन कई जिलों में आम जनजीवन प्रभावित हुआ। क्षेत्र में सभी छात्र संगठनों के शीर्ष संगठन नार्थ ईस्ट स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन के प्रदर्शन के एक दिन पहले विधेयक पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा आशंकाओं को दूर किए जाने के बावजूद असम और त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन हुए।
सुबह पांच बजे बंद की शुरुआत के बाद लखीमपुर, धेमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, माजुली, मोरिगांव, बोंगाइगांव, उदलगुड़ी, कोकराझार और बक्सा जिले में सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे। कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और राष्ट्रीय राजमार्ग को बाधित किया।
प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में पुलिस ने लाठियां चलायी। लंबी दूरी की कुछ बसें पुलिस पहरे में चलीं। बंद के कारण काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में कई पर्यटक फंस गए। उन्हें गुवाहाटी ले जाने के लिए कोई सार्वजनिक परिवहन नहीं था। इन जगहों पर दुकानें, बाजार और वित्तीय संस्थान बंद रहे। स्कूल और कॉलेज भी नहीं खुले।
321 total views, 1 views today