साभार/ नई दिल्ली। देश पिछले कई महीनों से आर्थिक मंदी से जूझ रहा है। आर्थिक मंदी से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (Nirmala Sitaraman) की तरफ से कई घोषणाएं की जा चुकी हैं। बावजूद इसके अर्थव्यवस्था में कोई खासा सुधार नहीं आया। अर्थव्यवस्था को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के पति और बुद्धिजीवी परकला प्रभाकर ने एक लेख लिखा है। इस लेख में उन्होंने कहा है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार को पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की नीतियों से सीखना चाहिए।
परकला प्रभाकर ने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर मोदी सरकार को पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की तरफ से अपनाए गए आर्थिक मॉडल को ‘गले लगाने’ की सलाह दी है। प्रभाकर ने अपने लेख में साल 1991 में बिगड़ी अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का भी जिक्र किया है। बता दें कि तब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे।
परकला प्रभाकर ने कहा है, ‘’बीजेपी अपनी स्थापना के बाद से खुद कोई आर्थिक ढांचे का प्रस्ताव नहीं ला पाई। वह सिर्फ नेहरूवादी आर्थिक ढांचे की आलोचना करती रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘’बीजेपी ने हमेशा ‘यह नहीं-यह नहीं’ की नीति को अपनाया। जबकि उसकी अपनी नीति क्या थी, उसके बारे में कभी कुछ नहीं कहा।’’ प्रभाकर ने आगे कहा, ‘’बीजेपी का वर्तमान नेतृत्व शायद इससे अवगत है। तभी चुनावों के दौरान पार्टी ने इस बात का ध्यान रखा कि वह अर्थव्यव्सथा को लेकर जनता के सामने कुछ भी पेश न करे। इसके स्थान पर पार्टी ने बुद्धिमानी से, एक राजनीतिक, राष्ट्रवादी और देश की सुरक्षा का मंच चुना।’’
प्रभाकर ने कहा कि बीजेपी ने नरसिम्हा राव सरकार की नीतियों को न तो खारिज किया और न ही उसे चुनौती दी। उन्होंने कहा, ‘’अगर सरकार उनकी नीतियों को अपना ले तो अभी भी पीएम मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिल सकती है।’’
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