नई दिल्ली। हरिद्वार से उन्नाव के बीच बह रही गंगा में कचरा फेंकना अब महंगा पद सकता है। नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के फैसले के अनुसार अब गंगा में कचरा फेंकने पर आपको 50,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ सकता है। एनजीटी ने नदी के आसपास के 100 मीटर के दायरे को ‘नो डिवेलपमेंट जोन’ घोषित कर दिया गया है, यानी इसके आसपास कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। यह फैसला हरिद्वार से उन्नाव के बीच के जोन के लिए है।
एनजीटी ने यह भी कहा है कि हरिद्वार से उन्नाव के बीच बह रही गंगा के आसपास के 500 मीटर के दायरे में किसी तरह का कचरा नहीं फेंका जाना चाहिए। टाइब्यूनल ने यहां बह रही गंगा में कचरा फेंकने वालों पर जुर्माना लगाए जाने का निर्देश जारी किया है। गंगा में कचरा फेंक उसे दूषित करने वालों पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
एनजीटी ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को गंगा और उसकी सहायक नदियों के घाटों पर धार्मिक क्रियाकलापों के लिए दिशानिर्देश बनाने के लिए कहा। साथ ही, उत्तरप्रदेश को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए चमड़े के कारखानों को जाजमउ से उन्नाव अथवा किसी भी अन्य स्थान जिसे राज्य उचित समझता हो, वहां 6 सप्ताह के भीतर स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है।
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