नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) में छेड़छाड़ का आरोप लगा रहे राजनीतिक दलों को चुनाव आयोग ने ईवीएम हैक करने की खुली चुनौती दी है। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बताया कि राजनीतिक पार्टियां 3 जून से ईवीएम हैकिंग की चुनौती में शामिल हो सकेंगी। हर राजनीतिक दल को हैकिंग के लिए चार घंटे का वक्त दिया जाएगा। चुनौती के लिए राजनीतिक प्रतिनिधि पांच राज्यों की चार ईवीएम को चुन सकते हैं।
राजनितिक दलों द्वारा EVM में छेड़छाड़ के आरोपों को देखते हुए चुनाव आयोग ने आज एक खास कार्यक्रम में ईवीएम और वीवीपीएटी का डेमो दिया, जहां इनसे जुड़ी सारी आशंकाओं के निपटारे के लिए आयोग ने मशीनों के काम करने के तरीके को दिखाया।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद ईवीएम पर सवाल उठाये गए। पर किसी भी पार्टी ने अब तक वोटिंग मशीन से छेड़छाड़ का कोई ठोस सबूत या मेटेरियल नहीं दिया है। चुनाव आयोग ने बताया कि वीवीपैट से मतदाता को दिखेगा की वोट किसे गया। ईवीएम के साथ वीवीपैट के इस्तेमाल से सभी शंकाएं और फैलाये गए भ्रम दूर हो जाएंगे। अगले साल के अंत तक आयोग को सभी वीवीपैट तैयार मिलेगी।
गौरतलब है कि EVM में छेड़छाड़ को ले कर लगातार कई विपक्षी पार्टियां सवाल उठा रही हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बीती 12 मई को इस मुद्दे पर बुलाई सर्वदलीय बैठक के बाद ईवीएम में गड़बड़ी किए जा सकने के दावे को सही साबित करने की चुनौती देने की घोषणा की थी।
अधिकारी ने बताया कि आयोग द्वारा सभी सात राष्ट्रीय दल और 48 राज्य स्तरीय दलों को खुली चुनौती में हिस्सा लेने के लिए बुलाया गया। इसके लिए आयोग चुनौती में शामिल होने के इच्छुक दल को हाल ही में सम्पन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के किसी भी मतदान केंद्र की मशीन के साथ छेड़छाड़ करने का ऑप्शन चुनने के लिए एक हफ्ते का समय भी देगा।
वहीं, चुनौती स्वीकार करने वाले हर राजनीतिक दल को मशीन में गड़बड़ी करने का अपना दावा सही साबित करने के लिए अलग-अलग मौका दिया जाएगा।
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