लखनऊ। लालकृष्ण आडवाणी और उमा भारती को स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 30 मई को पेश होने का आदेश दिया है। गुरुवार को विशेष सीबीआई जज के समक्ष बाबरी केस की सुनवाई के दौरान केवल एक ही आरोपी सतीश प्रधान मौजूद थे। इस पर कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि अगली सुनवाई में इनके खिलाफ आरोप तय होंगे लिहाजा सभी आरोपियों को सुनवाई में मौजूद रहना होगा। इसके साथ ही जज ने कहा किसी को पेशी से छूट नहीं दी जा सकती।
सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को सीबीआई कोर्ट से कहा था कि 1992 के बाबरी विध्वंस केस में आडवाणी, जोशी, उमा भारती और अन्य पर षडयंत्र के आरोपों को लेकर मुकदमा चलेगा। विशेष अदालत ने महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदान्ती, बैकुण्ठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल, धर्मदास और डा सतीश प्रधान के खिलाफ आरोप तय करने की तारीख कल 25 मई के लिए तय की है।
उसके बाद विशेष अदालत ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामले की रोजाना सुनवाई 20 मई से शुरू की और पांच विहिप नेताओं को जमानत दी। पूर्व सांसद राम विलास वेदान्ती (59) के अलावा शनिवार को सीबीआई कोर्ट से विहिप नेताओं चंपत राय (71), बैकुंठ लाल शर्मा (88), महंत नृत्य गोपाल दास (79) और धरमदास महाराज (68) को भी जमानत मिली। छठे आरोपी प्रधान उस दिन अदालत में नहीं पेश हो सके थे। बुधवार को छठे आरोपी सतीश प्रधान को जमानत दे दी गई. विहिप के आरोपियों में से गिरिराज किशोर और अशोक सिंहल का निधन हो चुका है।
352 total views, 1 views today