बहुपयोगी है चाणक्या नीति – गरोडीया

चाणक्या नीतियों पर सेमिनार

प्रहरी संवाददाता/ मुंबई। चाणक्या बिजनेस सूत्रास के तीन दिवसिय ११ वें सेमिनार में शोधकर्ता महेंद्र गरोडीया ने खुलासा किया कि चाणक्य नीतियों को अपना कर देश के साथ-साथ अपना व अपने कारोबार का विकास संभव है। बशर्ते उसका पैमाना तय हो, इस बात का वर्णण शास्त्रों में भी हो चुका है। गरोडीया सूत्रास के संस्थापक, अध्यक्ष एवं शोधकर्ता हैं। इस सेमिनार में सुरभी के विपिन अग्रवाल, नेट प्रोटेक्ट के अंकित जैन, फ्रईवेल के मितेश गांघी, डॉ़मधुकर गाडिया रमेश सरोगी, विकास गोलेचा और दिपक अग्रवाल आदि गणमान्य मौजूद थे।
गौरतलब है कि प्राचीनकाल के चाणक्य नितियों व बातें इस दौर के लोगों को भले ही रास न आ रहा हो, लेकिन उन बातों व नितियों में दम है। इस सचाई से इंकार नहीं किया जा सकता। चाणक्या बिजनेस सूत्रास के संस्थापक एवं अध्यक्ष महेंद्र गरोडीया ने गहण अध्यन के बाद इसका विस्तार करना शुरू किया है। बता दें कि सरकार की चंद नितियों में भी चाणक्या की झलक दिखाई देती है। महेंद्र गरोडीया की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में मुंबई के अलावा पुणे, गुजरात, राजस्थान आदि  राज्यों से सैकड़ो उद्योगपतियों और बिजनेस मैन आए थे।

इस कार्यक्रम के जरीय महेंद्र गरोडीया द्वारा देश के उद्योगपतियों के साथ-साथ मुंबई के छोटे बड़े कारोबारियों को बिजनेस करने के चाणक्या तरीकों पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि प्रचीनकाल में भी चाणक्या नितियों को लोगों ने अपना कर लाभ उठाया है।

उन्होंने चाणक्या नितियों को चार मूल भागों में विभाजीत कर उसका व्यौरा भी दिया। गरोडीया ने कहा की इन नितियों पर चलने वाले अपने साथ -साथ देश की भी तरक्की कर सकते हैं। गरोडीया के इस कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने कई सवाल भी पूछे, लोगों के सवालों का सरलता से जवाब दिया।
इसके अलावा गरोडीया ने कहा की प्रचीनकाल की आधकांश बातें इस युग्य में आधुनीक कहलाने लगी हैं।
बताया जाता है कि चाणक्या नितियों पर महेंद्र गरोडीया ने काफी अध्यन किया है। इस आयोजन को सफल बनाने में दिपा एम गरोडिया, इस्लामुद्दिन एस वुᆬरैशी, चंद्रिका गरोडीया, नितेश गुप्ता, केशव एम गरोडीया ने अहम भूमिका निभाई।

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