साभार/ मुंबई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने रेलवे से कहा है कि वह उस महिला को मुआवजा देने का फैसला ले जिसने दो साल पहले खंडाला रेलवे स्टेशन पर चलती ट्रेन पर चढ़ने की कोशिश में अपने दोनों पैर गंवा दिए।
जस्टिस अभय ओका और जस्टिस अनिल मेनन की खंडपीठ ने पीड़िता की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। पीठ इस मामले का अंतिम निपटारा सोमवार को करेगी।
रेलवे ने तकनीकी मसला उठाया और तर्क दिया कि महिला के पास मुआवजा मांगने के लिए रेलवे दावा न्यायाधिकरण के पास जाने का विकल्प है।
यह था मामला पीड़िता
सेजल लादोला ने दावा किया कि वह 9 फरवरी 2015 को सिकंदराबाद-राजकोट एक्सप्रेस में यात्रा कर रही थी। सुबह 3 बजे उसके कोच में चोर घुस आए और उसका पर्स लेकर भागने लगे। उस समय ट्रेन खंडाला स्टेशन पर खड़ी थी।
सेजल ने चोरों का पीछा किया और वह ट्रेन से उतरी लेकिन तभी ट्रेन चलनी शुरू हो गई तो उसे लौटना पड़ा। जब वह ट्रेन में वापस चढ़ने की कोशिश कर रही थी तो वह फिसल गई और उसके दोनों पैर हादसे की चपेट में आ गए।
सेजल ने इस आधार पर इलाज के लिए रेलवे से मुआवजा मांगा कि वह ट्रेनों में रात के दौरान यात्रियों को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रहा। कोर्ट ने कहा कि याचिका में ट्रेनों में रात में यात्रियों की सुरक्षा का बुनियादी मसला उठाया गया है।
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