बड़े नाले के प्रभावितों को जबरन माहूल भेजने की तैयारी
प्रहरी संवाददाता/ मुंबई। मनपा ने फरमान जारी किया है कि वाशीनाका के बड़े गटर के प्रभावितों को माहूल के बिल्डिंग नंबर 35 में जाना ही होगा। जबकि यहां के प्रभावित उक्त बिल्डिंग के बजाए दूसरे बिल्डिंग में जाने को तैयार हैं। जैसा कि इससे पहले ठक्कर बाप्पा कालोनी आदि के प्रभावितों को उनकी पसंद के इमारतों में जगह दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार करीब एक दशक से ब्लैक लिस्टेड ठेका कंपनी आरपीएस द्वारा थम -थम कर चल रहे आर सी मार्ग के नूतनीकरण से यहाँ की जनता काफी परेशान है। क्योंकि हैवी ट्रैफिक वाले इस मार्ग पर ठेकेदारों द्वारा कहीं गड्ढा खोद कर छोड़ दिया जाता है तो कहीं बांध काम करके रास्ते को तंग कर दिया गया है। इससे यहां के स्थानीय लोगों के साथ -साथ इस परिसर में आने जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
गौरतलब है कि पिछले चार सालों से इस कलवर्ट का काम किसी दूसरे ठेकेदार द्वारा थम-थम कर किया जा रहा है। जो अभी तक पूरा नही हो सका है। वही इस कलवर्ट के चारो तरफ मनपा द्वारा बांध काम किया गया है। जिसके कारण यहां का रोड और भी तंग हो गया है।
इससे यहां ट्रैफिक की समस्याएं बढ़ गयी है। मजे की बात यह है कि बढ़ते यातायात को नियंत्रण में करने में लिए यहां कोई ट्रैफिक पुलिस भी नही होती, जिसके कारण आर सी मार्ग पर हर सुबह स्कूल के टाइम व शाम के समय लोगों को घंटो ट्रैफिक में फसे रहना पड़ता है। ये सिलसिला पिछले चार पांच वर्षों से चल रहा है। ऐसे में कोई पर्व या रैली के दौरान लोगों को और भी परेशानियां होती है।
बहरहाल कलवर्ट, नाला और रोड की हालत का जायजा लेने के लिए मानपा एम पश्चिम के सहाय्यक अभियंता मेंटेनेस भास्कर कसगीकर (AEM), एस डब्लू डी के अभियंता और वॉर्ड क्रमांक 155 के स्थानीय नगरसेवक श्रीकांत गोविंद शेट्टे ने पूरे क्षेत्र का मुआयना किया। हालांकि इससे पहले स्थानीय दुकानदारों को नोटिस भी दिया जा चुका है। लेकिन उनके पुनर्वसन के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिसके कारण दुकानदारों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो सकती है।
शिवसेना के नवनिर्वाचित नगरसेवक शेट्टे यहां के लोगों की समस्याओं का समाधान कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। बताया जाता है कि मनपा एम पश्चिम के सहाय्यक आयुवत हर्षद काले व AEM कसगीकर द्वारा शरद नगर और इस्लामपुरा के दुकानदारों व रहिवासियों को माहुल के उस इमारत से शिफ्ट कराने के लिए मजबूर कर रहे हैं जहां वे जाना नहीं चाहते।
इन दोनों नगरों के कुछ रहिवासियों की मांग है कि बिल्डिंग क्रमांक 35 के बजाए किसी दूसरे इमारत में शिफ्ट कराया जाए। इसके अलावा जहाँ दुकानदारों को दुकान देने की बात की जा रही है, वहां जाने पर इनके सामने भुखमरी की समस्या गहरा सकती है। बता दें कि इससे पहले मुंबई के अन्य इलाकों के लोगो को उनकी मनपसंद के इमारतों में पुनर्वसन कराया गया। सूत्र बताते है कि मनपसंद इमारत में जाने के लिये मनपा एम विभाग के अभियंताओं को चढ़ावा देना पड़ता है!
उल्लेखनीय है कि करीब एक दशक से लंबित वाशीनाका के बड़े गटर का मामला हर बार मानसून से पहले गर्माता है। इस बार भी वाशीनाका के शरदनगर और इस्लामपुरा के बीच से गुजरने वाले बड़े नाले का मामला उफान पर है। हालांकि इससे पहले 6 अगस्त 2016 को भी मनपा के सहाय्यक आयुक्त एम पश्चिम द्वारा नोटिस जारी किया गया था।
जबकि इन दोनों नगरों से पहले उक्त नाले के किनारे अन्य कई झोपड़पट्टियां व एसआरए की इमारते हैं, वो इन्हें दिखाई नहीं देता। बता दें कि शरदनगर और इस्लामपुरा के करीब 163 झोपड़ों को एसआरए परियोजना के तहत चरिशमा बिल्डर ने ले रखा है। इसके लिए बिल्डर द्वारा मनपा एम पश्चिम के सहाय्यक आयुक्त को पत्र भी दिया जा चुका है।
उक्त पत्र में बिल्डर ने साफ तौर पर बड़े नाले से प्रभावितों को पुर्नवास कराने की जिम्मेदारी ली है। इसके बावजूद एम पश्चिम के अभियंता नाले के किनारे बसे नागरीकों को जबरन माहूल के बिल्डिंग नंबर 35 में भेजने की तैयारी में हैं।
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