प्रहरी संवाददाता/ मुंबई। हजरत जलाउद्दीन शाह कादरी बाबा का उर्स मुबारक 22 अप्रैल से शुरू हो गया है। इसके तहत गुस्ल के बाद पहले दिन मुंबई के विभिन्न इलाकों से बाबा के चाहने वालों ने करीब 38 संदल उनकी खिदमत में पेश किया। बता दें कि यह उर्स 28 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान मुंबई के बाहर से आए श्रद्धालुओं के रहने व खाने की व्यवस्था बाबा के ट्रस्ट द्वारा किया गया है।
गौरतलब है कि प्राचीन परंपराओं के मुताबिक पहले दिन गुस्ल का आयोजन दरगाह ट्रस्ट की तरफ से किया गया। गुस्ल के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ साथ दूर दराज से बाबा के चाहने वालों ने शिरकत की। यह जानकारी दरगाह ट्रस्ट से जुड़े डॉक्टर शम्मी खान ने दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक सदियों से चली आ रही उर्स मुबारक की इस परंपरा को मोहम्मद गौस सिद्दीकी बखूबी निभा रहे है। उनके इस काम में वाशीनाका के लोगों के साथ साथ बाबा के श्रद्धालुओं का पूरा सहयोग होता है। हजरत जलाउद्दीन शाह कादरी ट्रस्ट के अध्यक्ष व दरगाह शरीफ के खादीम मो. ग़ौस सिद्दीकी उर्फ़ मुन्ना भाई ने बताया कि गुस्ल के बाद आज पहले दिन वाशीनाका के इस्लामपुरा से लेकर विक्रोली, म्हाडा और ट्रांबे से करीब 38 संदल बाबा के नजर पेश किया गया।
वहीं दरगाह शरीफ की देख भाल में लगे उनके छोटे भाई मो. राशीद सिद्दीकी ने बताया कि करीब एक सप्ताह चलने वाले उर्स मुबारक में महाराष्ट्र के अलग- अलग शहर व नगरों के अलावा कर्नाटक, आंध्रा प्रदेश आदि से भी लोग आते हैं।
दरगाह ट्रस्ट के खादिम मुन्ना भाई ने बताया कि गडकरी वाले बाबा के उर्स में कहीं से कोई चंदा नहीं लिया जाता। यहां खुद लोग आते हैं और तआउन करते हैं। यहाँ कोई अपनी मुराद मांगने आता है तो कोइ मुराद पूरा होने पर सलामी पेश करने आता है। उर्स मुबारक के दौरान ट्रस्ट की जानिब से कव्वाली व हर दिन लंगर का इंतजाम किया गया है।
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