खतरे में सफाई मजदूर

प्रहरी संवाददाता/ मुंबई। खुद की जान खतरे में डालकर मुंबईकरों की स्वास्थ्य और जीवन की सुरक्षा करने वाले मजदूरों पर खतरा मंडराने लगा है। शहर में गंदगी के अलावा गटर व नदी नालों की सफाई में जुटे मजदूरों का जीवन पूरी तरह असुरक्षित है। क्योंकि बिना सुरक्षा कवच के ही ठेकेदारों द्वारा मनपा के अधिकारियों का धोंस दिखाकर उन्हें किसी भी नदी नालों में कूदा दिया जाता है। ऐसे ठेकेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

आगामी मानसून को देखते हुए मनपा द्वारा नदी, नालों व गटरों की सफाई के लिए ठेकेदारों को नियुक्त किया गया है। इसके बाद भी सफाई अभियान में काफी सुस्ती देखी जा रही है। वहीं जैसे जैसे मानसून का समय करीब आता जा रहा है मनपा के कर्मचारियों और ठेकेदारों पर सफाई को लेकर दबाव बढ़ता ही जा रहा है। इससे बौखलाए ठेकेदार बिना सुरक्षा कवच के ही मनपा के अधिकारियों का धौंस दिखाकर सफाई मजदूरों को नदी नालों में जबरन कूदा देते हैं। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

जबकि गटर, नाला, नाली व अन्य गंदगी को साफ करने वाले मजदूरों को किसी प्रकार का सुरक्षा कवच नहीं दिया जाता है। मौजूदा समय में आगामी मानसून से पूर्व मुंबई व उपनगरों के गटर व नदी नालों की सफाई अभियान जोरों पर चल रही है। इसके लिए मनपा के अधिकारी व कर्मचारी छोटी से छोटी नाली को भी साफ कराने में जुट गए हैं। इसके दो प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं।

मौसम के बदलते मिजाज और भयंकर बीमारियों का पैर पसारना। इसके अलावा 26 जुलाई 2005 जैसी त्रासदी से बचना भी एक कारण है। मुंबईकरों के बचाव में जुटे मनपा के कर्मचारी व ठेकेदारों द्वारा सफाई कर्मियों पर दबाव देकर काम तो कराया जा रहा है। लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए कोई सुरक्षा सामग्रह नहीं दिया जाता जिसके कारण सफाईकर्मी पूरी तरह से असुरक्षित हैं।

यानी उनके जीवन से मनपा के अधिकारी व ठेकेदारों द्वारा खिलवाड किया जा रहा है। जैसे -जैसे मानसून का समय करीब आ रहा है वैसे वैसे मनपा के अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों पर जोर दिया जा रहा है वैसे-वैसे ठेकेदारों द्वारा सफाई कर्मियों पर रोब झाड़ने के साथ-साथ दबाव बढ़ाते जा रहे हैं।

जबकि ठेकेदारों द्वारा सफाई कर्मियों को किसी भी गटर, नाला व छोटी पुलिया के अंदर सफाई करने के लिए कूदा दिया जाता है। शहर में कई ऐसे भी गटर व नाले हैं जो बेहद गंदे हैं, इसके बावजूद बिना किसी सुरक्षा कवच के सफाई कर्मी उसमें घुसकर सफाई करने को मजबूर हैं।

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