फर्जी वीजा का मामला गर्माया

संवाददाता/ मुंबई। देश में बढ़ती बेरोजगारी का फायदा इन दिनों जमकर कबूतरबाज उठा रहे हैं। अच्छी कंपनी का झांसा और बेहतर वेतन दिलाने का सब्जबाग दिखाकर खाड़ी देशों में भेजने वाले रोड छाप एजेंटों (दलाल) की मुंबई में भरमार हो गई है। जबकि खाड़ी देशों से लगातार भारतीय नौकरी पेशा लोगों को वापस भेजा जा रहा है। वहीं फर्जी वीजा का जेरॉक्स दिखाकर दूसरे राज्यों से नौकरी की तलाश में आए शिक्षित बेरोजगारों को रोड छाप दलालों द्वारा लूटने का सिलसिला बदस्तुर जारी है।

मिली जानकारी के अनुसार दोहा कतर से भारतीयों की वापसी के बाद, सउदी अरब द्वारा राजमाफी के तहत करीब 20,231 भारतीय नागरीकों को चिन्हीत किया है। चिन्हीत भारतीय, सऊदी अरब से करीब 90 दिनों के अंदर वापस लौट आएंगे। बावजूद इसके मुंबई में रोड छाप एजेंटों (दलाल) द्वारा दूसरे राज्यों से नौकरी की तलाश में विदेश जाने वालों को ठगने का सिलसिला जारी है। रोड छाप एजेंटों द्वारा दूसरे राज्यों से आने वाले शिक्षित बेरोजगारों के अलावा दूसरे टेक्निशियनों को भी फर्जी वीजा का जेरॉक्स दिखाकर चूना लगाया जाता है।

ऐसे रोड छाप एजेंटों की संख्या कुर्ला, चेंबूर, वाशीनाका, शिवाजीनगर, सांताक्रूज, जोगेश्वरी, गोरेगांव, नवी मुंबई, माहिम और बांद्रा में तेजी से बढ़ती जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वाशीनाका के रोड छाप एजेंट नौशाद अहमद उर्फ मुन्ना खान द्वारा अबू धाबी का फर्जी वीजा बिहार के दो निवासियों को दिया है। जिसका पास्पोर्ट नंबर M 6895369 और L 1319408 है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि रोड छाप एजेंट ने और कितने लोगों को अपना शिकार बनाया है।

सूत्र बताते हैं कि कबूतरबाजी करने वाले रोड छाप दलाल मुंबई से लाखों -करोड़ो का फांदा कर फरार हो जाते हैं तथा कुछ दिनों तक भूमिगत होने के बाद फिर ठगी के धंधे में लग जाते हैं। ठीक इसी तरह दिल्ली से ठगी करने वाले मुंबई और मुंबई से लूटने वाले दिल्ली भाग जाते हैं। हालांकि ठगों को हमेशा इस बात का डर रहता है कि उनका कोई शिकार उनके घर तक न पहुंच जाए। बता दें कि मुंबई की रजिस्ट्रर्ड ट्रैवर्ल्स एजेंसियां के शह पर रोडछाप दलालों द्वारा सीधे-सादे बेरोजगारों को ठगना और शाम ढलते ही बीयर बारों में नोटों की गड्डियां उड़ाने के कई मामले सामने आ चुके हैं।

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