साभार/ मुंबई। मांसाहारी होने के नाते फ्लैट बेचने से इनकार करने वाले बिल्डरों पर कार्रवाई करने के संबंध में नियम बनाए जाने की मांग मुंबई के नगरसेवकों ने की। मनपा की सुधार समिति में इस मुद्दे पर हुई चर्चा के दौरान इस मुद्दे पर प्रशासन के सकारात्मक उत्तर के लिए प्रस्ताव फिर से भेजने का निर्णय हुआ। बीजेपी ने इस मुद्दे को ‘बंद’ करने की मांग रखी। मुद्दे चार बार महानगरपालिका में उठ चुका है। हर बार प्रशासन का उत्तर आने के बावजूद, इसका हल नहीं हो पा रहा है।
दरअसल, मांसाहारी-शाकाहारी विवाद के चलते कई बिल्डरों द्वारा घर नहीं दिए जाने की शिकायत सामने आती है। इन पर कार्रवाई की मांग के जवाब में कमिश्नर ने कहा है कि नियमों के तहत ऐसे बिल्डरों पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। इस संबंध में पुलिस से शिकायत की जा सकती है। शिवसेना की ओर से रमाकांत रहाटे, किशोरी पेडणेकर ने मांग करते हुए इस संदर्भ में बिल्डर पर ऐक्शन लेने की मांग की। कांग्रेस के अशरफ आजमी ने कहा कि इस तरह का भेदभाव कर हमारी एकता पर प्रहार करने की कोशिश की जा रही है। मुंबई ‘सर्वधर्म’ की नगरी है। यहां पर किसी भी प्रकार का विवाद नहीं होना चाहिए।
गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले एक सोसायटी में मांसाहारी होने के चलते फ्लैट न देने की सोसायटी के नियम ने तूल पकड़ लिया था। यह मुद्दा बाद में खूब गरमाया। अंत में, पुलिस ने संबंधित लोगों पर कार्रवाई की। जिसके बाद कई लोगों ने मुंबई में खान-पान के चलते घर बेचने में होने वाले भेदभाव होने का कथित आरोप लगाया था।
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