मुंबई। चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को देश में कई नामों से जाना जाता है। देशभर में इसे मनाने के तरीके भी अलग हैं। महाराष्ट्र में इस दिन मनाए जानेवाले विशेष पर्व को गुड़ी पड़वा के नाम से जाना जाता है। मुंबई के गिरगांव में इस पर्व को मनाने के लिए महिलाएं बुलेट, स्कूटी पर सवार होकर महाराष्ट्र के पारंपरिक परिधान में नजर आईं।
महाराष्ट्र में इस दिन से नए साल का श्री गणेश होता है। इस दिन को ‘गुड़ी पड़वा’ के नाम से जाना जाता है। इस अवसर पर नए साल का स्वागत करते हुए लोग पारंपरिक परिधान में सजधज कर ढोल नगाड़ों की थाप पर नृत्य करते हैं। गुड़ी पड़वा निश्चित रूप से पौराणिक महत्व वाला पर्व है।
बता दें कि ‘गुड़ी’ का मतलब ‘विजय पताका’ होता है। हिंदू मान्यता के मुताबिक इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था। उन्होंने सबसे पहले चैत्र मास की शुक्ल पक्ष में आने वाली प्रतिपदा को सृष्टि की संरचना शुरू की। इस प्रतिपदा तिथि को ‘प्रवरा’ अथवा ‘सर्वोत्तम तिथि’ कहा। इसलिए इसको सृष्टि का प्रथम दिवस भी कहते हैं। इस दिन से संवत्सर का पूजन, चैत्र नवरात्र का शुभारंभ होता है। इस दिन कई विधि-विधान करने की भी परंपरा है।
293 total views, 1 views today