मुंबई। शिवसेना को अयोध्या में मिला सफलता से भाजपा और आरएसएस के कान खड़े हो गए हैं। इनसे जुड़ी अलग-अलग हिंदूवादी संगठन सक्रिय हो गए हैं। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने अयोध्या में धर्म संसद का आयोजन किया और अब मुंबई में 2 दिसंबर को धर्म सभा का आयोजन करने जा रहा है। इसका मकसद अयोध्या में राम मंदिर का निर्णय करने के लिए सरकार पर दबाव बढ़ाना है। इससे पहले महाराष्ट्र में विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने राज्यपाल विद्यासागर राव से मिलकर एक ज्ञापन दिया था।
राज्यपाल को दिए ज्ञापन में वीएचपी का कहना है कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर राम मंदिर बनाने के लिए सन 1528 से हिंदू समाज निरंतर संघर्ष कर रहा है। मंदिर बनाने के लिए कई बार बातचीत की गई, जो हर बार असफल रही। यह मामला न्यायपालिका में 1950 से चल रहा है। किसी का नाम न लेते हुए वीएचपी ने ज्ञापन में लिखा है कि हिंदू समाज के धैर्य की परीक्षा न लें।
उनकी मांग है कि केंद्र सरकार कानून बनाकर अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बनाए। प्रतिनिधि मंडल में शामिल कोकण प्रांत के कोषाध्यक्ष दिनेश तेहलियानी ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल में शामिल लोगों ने राज्यपाल महोदय से अनुरोध किया वे महाराष्ट्र के रामभक्त और संत-महात्माओं की भावनाएं केंद्र सरकार तक पहूंचाए।
बीकिसी के एमएमआरडीए मैदान पर वीएचपी ने रविवार 2 दिसंबर की शाम 4 बजे धर्म सभा का आयोजन किया है। दावा किया जा रहा है कि सभा में डेढ़ लाख से ज्यादा राम भक्त आएंगे। बड़ी संख्या में अयोध्या से भी लोग आएंगे। विराट धर्म सभा में आने वाले राम भक्तों का मार्गदर्शन प. पु. अनंत श्री विभूषित जगद्गुरु रामानंदाचार्य, श्री स्वामी नरेंद्र आचार्य महाराज, गोविंद देवगिरी महाराज, नयपा सागर जी महाराज और विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेंद्र जैन प्रमुख व मान्यवर उपस्थित रहेंगे। इस आयोजन का मकसद अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि स्थान पर राम मंदिर के निर्माण में आने वाली बाधाएं दूर करने तथा आगामी शीतकालीन सत्र में कानून बनाने या फिर अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण करना है।
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