कबूतरबाजों ने झारखंड के 200 मजदूरों को ठगा

मुंबई। झारखंड राज्य के विभिन्न शहरों के करीब 200 मजदूरों को मुंबई के कबूतरबाजों द्वारा खाडी देश भेजने के नाम पर लाखों की ठगी का सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया है। मुंबई सेंट्रल के सी टूर्स एन्ड ट्रैवल्स के मालिक मनोज शर्मा, राजू और नासिर खान आदि के हाथों शिकार हुए मजदूरों की मदद में झारखंडी एकता संघ कूद पड़ी है। हालांकि झारखंड सरकार के कई आला अधिकारी भी इस मामले को लेकर महाराष्ट्र शासन और प्रशासन के संपर्क में हैं।

मिली जानकारी के अनुसार झारखंड के बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग और बगोदर में रहने वाले करीब दो सौ मजदूरों को ओमान में अच्छी नौकरी और अधिक वेतन दिलाने का सब्जबाग दिखाकर मुंबई के कबूतरबाजों ने गरीब मजदूरों से करीब 40 से 50 लाख रूपये ठग लिया। भुक्तभोगियों के अनुसार मुंबई सेंट्रल स्थित नवजीवन सोसायटी के 12वीं मंजिल पर सी टूर्स एन्ड ट्रैवल्स है। इस ट्रैवल्स के मालिक मनोज शर्मा, राजू और नासिर खान ने गरीब मजदूरों के साथ ठगी की है।

मौजूदा समय में पीड़ितों के पास खाने पीने या घर लौटने का भी पैसा नहीं है। ठगी के शिकार हुए मजदूरों ने नागपाड़ा पुलिस को इस बात की सूचना दी। बड़ी संख्या में ठगी के शिकार हुए लोगों की शिकायत पर पुलिस ने ठगों को बुलाया लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया। पीड़ितों के अनुासार उन्हें ओमान में बेहतर नौकरी दिलाने का झांसा देकर हम सभी को मुंबई बुलाया गया, यहां आने के बाद किसी से 20 तो किसी से 25 हजार रूपये लिया गया। इसके बाद सभी को गेस्ट हाउस में रुकने को कहा गया। पैसा लेने के बाद तीनों आरोपितों ने कहा कि बारी- बारी से सभी को ओमान भेजा जाएगा।

गौरतलब है कि तीनों आरोपियों ने मजदूरों को झांसे में लेने के लिए कुछ के नाम फर्जी वीजा लाकर पकड़ा दिया। जिनके पास यह वीजा था, वे ओमान जाने के लिए एयरपोर्ट पहूंचे तो बताया गया कि उनका वीजा फर्जी है। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद मजदूरों ने सी टूर्स एन्ड ट्रैवल्स की ऑफिस पहूंच गए। वहां हंगामा करने लगे तो पुलिस मौके पर पहूंची और तीनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया। दो सौ लोगों से लगभग पचास लाख रुपए ठगी का मामला सामने आ रहा है।

उल्लेखनीय है कि इस बात की जानकारी झारखंडी एकता संघ के अध्यक्ष असलम अंसारी को मिली तो वे अपने कई सदस्यों के साथ पुलिस स्टेशन पहूंचे। वहां मजदूरों की हालत देखकर उन्हें खाना खिलाया और रुकने का इंतजाम कराया। लोगों को वापस भेजने की व्यवस्था भी की जा रही है। असलम अंसारी ने बताया कि मजदूरों की मदद करने वाला कोई नहीं है। पुलिस भी साथ नहीं दे रही है। आरोपियों को हिरासत में रखने के बाद शनिवार की सुबह उन्हें छोड़ दिया गया। गिरिडीह डीसी कार्यालय से 35 हजार रुपए की मदद मिली है। अभी वे झारखंड सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं।

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