सरकार की दोहरी नीतियों के खिलाफ आंदोलन तय-रिपु सूदन
रांची (झारखंड)। दशकों से तेली समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग पर पानी फिरता देख समाज के लोगों ने 2019 के चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया है। सरकार की दोहरी नीतियों के खिलाफ तेली समाज आंदोलन की तैयारी में है। तेली समाज के युवा अध्यक्ष रिपु सूदन साहु ने कहा है कि तीन माह के अंदर इस दिशा में पहल नहीं कि गई तो समाज के लोग आगामी लोकसभा व विधानसभा के चुनाव में नोटा का बटन दबाएंगे।
तेली समाज के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष रिपु सूदन साहु ने राज्य एवं केंद्र सरकार कि दोहरी नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा की सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व झारखंड के मुंख्यमंत्री रघुवर दास ने वादा किया था कि तेली समाज को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी इस बात को दोहरा चुके हैं। उन्होंने कहा की राजनीतिक रोटियां सेंकने वाले राजनेताओं की दोहरी नीतियों से नाराज तेली समाज के लोगों ने आगामी 2019 के लोकसभा व विधानसभा के चुनाव में नोटा का बटन दबाएंगे। साहू ने कहा की सरकार के पास देश में तेली समाज के आंकड़ों की सही जानकारी नहीं है। केंद्रीय आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 16 करोड़ तेली समाज के लोग हैं। वहीं सीएम फडणवीस और मंत्री गडकरी ने इस आंकड़े को 14 करोड़ बताया है। जबकि मुख्यमंत्री रघुवर दास ने देश की आबादी का 16 प्रतिशत होने की संभावना जताई है।
साहू ने कहा की एक के बाद एक तीन राज्यों में करारी हार का सामना कर चुकी भाजपा सरकार स्वर्ण जाति को 10 फीसदी का आरक्षण देकर अपना वोट बैंक बनाने के चक्कर में है। इस बात का खुलासा हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया व स्वर्णों को आरक्षण देने के बाद कुल 50 फीसदी के आरक्षण पर कूपी मार दी है। यानी अब किसी को आरक्षण नहीं दिया जाएगा।
गौरतलब है कि इस मुद्दे पर छोटानागपुरिया तेली उत्थान समाज केंद्रीय समिति दक्षिण छोटानागपुर द्वारा रांची के विधानसभा मैदान में तेली अधिकार रैली का आयोजन किया गया। इस आयोजन में समाज के हजारों लोग शामिल हुए। इनमें विशेष रूप से राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष रिपु सूदन साहु, प्रदेश अध्यक्ष अरुण साहू, केंद्रीय अध्यक्ष उदासन नाग, लोहरदगा जिला अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद, गुमला जिला अध्यक्ष राधामोहन साहू, सिमडेगा जिला अध्यक्ष शिवनारायण गंझू, भाजपा नेत्री साबी देवी, सहदेव साव, राजेन्द्र प्रसाद, अनिता साहू, बिंदेसर साहू, भुनेश्वर साहू सहित हजारो की तादाद में तेली समाज के लोगों ने शिरकत की। यहां रिपु सूदन साहू ने कहा कि इस बार तेली समाज का वोट नोटा पर ही गिरने वाला है। साहू ने कहा की राज्य के मुख्यमंत्री और देश का प्रधानमंत्री भी तेली हैं।
यानी मांगने वाला भी तेली देने वाला भी तेली इस स्थिति में यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुई तो कभी नहीं मानी जाएगी। इस लिय तीन माह के अंदर तेली समाज को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल करने की दिशा में पहल नहीं किया गया तो नोटा तय है। इतना ही नहीं हमारी मांगे जब तक पूरी नहीं होती तब तक हम नोटा को ही वोट देंगे। तेली समाज को अनुसूचित जनजाती का दर्जा मिलना ही चाहिए। इसके लिए आंदोलन की तैयारी भी की जा रही है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष अरुण साहू ने कहा कि तेली समाज को सरकार ने ठगने का काम किया है, स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी तेलियों से केवल वोट लिए हैं। तेली समाज की मांग पर हमेशा दोहरी नीति अपनाई जाती है। इस बात को समाज के लोगों ने अच्छी तरह समझ लिया है। इस लिहाज से आने वाले चुनाव में जवाब दिया जाएगा। इस मुद्दे पर अन्य वक्ताओं ने अपने अपने विचार रखे।
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