मुंबई। महाराष्ट्र की महिला व बाल विकास मंत्री पंकजा मुंडे के विभाग की ओर से जारी 6,300 करोड़ रुपये के ठेके सुप्रीम कोर्ट ने रद्द करने का आदेश दिया है। यह ठेका बच्चों और महिलाओं को आहार मुहैया कराने लिए 2016 में मंगाया गया था। कोर्ट ने अगला टेंडर मंगाने तक पर्याप्त व्यवस्था मुहैया कराने का आदेश राज्य सरकार को दिया है।
फडणवीस सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरती रही हैं। वह 106 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन खरीदी के मामले में अभी उबरी भी नहीं थीं कि कोर्ट ने उन्हें जोर का झटका दिया है। 2016 में पंकजा के चचेरे भाई धनंजय मुंडे ने उन पर चिक्की घोटाले के साथ-साथ आंगनवाड़ी विभाग में तमाम खरीदारी में घोटाले का आरोप लगाया था। राज्य के दोनों सदनों में विपक्ष ने यह मामला उठाया था। तब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पंकजा का बचाव किया था लेकिन अब उन्हीं आरोपों को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है।
ठेके रद करने के आदेश के बाद फडणवीस और पंकजा मुंडे की परेशानियां बढ़ने वाली हैं। फडणवीस मंत्रिमंडल से हरी झंडी मिलने के बाद 8 मार्च, 2016 को खरीदी टेंडर जारी किया गया था। यह टेंडर महिलाओं द्वारा संचालित स्वयं सहायता समूह को ही दिया जाना था, लेकिन सरकार ने यह ठेका बड़े उद्योगपतियों को दे दिया गया।
एक महिला स्वयंसेवी सहायता समूह ने याचिका दायर कर ठेके में शामिल कुछ शर्तों को उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने वाला बताया था। याचिकाकर्ता ने ठेके में वित्तीय कारोबार की शर्तों को कुछ कंपनियों को फायदे देने वाला बताया। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नए सिरे से टेंडर जारी करने के आदेश दिए हैं। जब तक नया टेंडर जारी नहीं हो जाता, बच्चों और महिलाओं के लिए वैकल्पिक तरीके से पोषण संबंधी आहार मुहैया कराया जाए।
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