मुंबई। आईसीयू में संक्रमण के खतरे को देखते हुए वहां जूते तक पहनकर जाने की अनुमति नहीं होती है, लेकिन गोरेगांव के सिद्धार्थ अस्पताल में आईसीयू में पंखे चलाकर मरीजों का इलाज हो रहा है। यहां के दो आईसीयू में से एक में ही एसी चलता है। कुछ दिन पहले तक दोनों एसी बंद थे। काफी मशक्कत के बाद एक एसी चालू हो सका है। छतों से गिरता प्लास्टर, बंद लिफ्ट, वॉर्डों में असुविधा, डेढ़ साल से ऐम्बुलेंस की कमी और निवासी डॉक्टरों की अव्यवस्था इस अस्पताल की दुर्दशा बताने के लिए काफी हैं। इसीलिए देश की सबसे प्रतिष्ठित महानगरपालिका के अस्पतालों में सामान्य कामों के लिए एक अलग अधिकारी की नियुक्ति की मांग हो रही है, ताकि डॉक्टरों को इन कामों के लिए अटकना न पड़े।
गोरेगांव के इस उपनगरीय अस्पताल में पिछले कुछ हफ्तों से यह लापरवाही हो रही है। काफी कोशिशों के बाद एक ही एसी शुरू हो पाया है। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘एसी ठीक करने के लिए हम कई बार बात कर चुके हैं, लेकिन अब तक यह नहीं हो पाया है। हर काम के लिए हमें बार-बार गुजारिश करनी पड़ती है।’
गोरेगांव और आसपास के लाखों लोगों के लिए एकमात्र बड़े अस्पताल में पिछले डेढ़ साल से ऐम्बुलेंस तक नहीं है। मरीजों के लिए 108 नंबर से ऐम्बुलेंस बुलानी पड़ती है, लेकिन यह सेवा बड़े अस्पातलों में बेड की उपलब्धता सुनिश्चित होने पर ही मिलती है। ज्यादातर मामलों में बेड उपलब्ध होते ही नहीं हैं। एक अधिकारी ने बताया, ‘हमारे पास एक भी ऐम्बुलेंस नहीं है। मरीजों को रेफर करने में काफी दिक्कत होती है, खासकर गरीबों को।’
अस्पताल में जगह-जगह से प्लास्टर उखड़ गया है। कभी भी स्लैब का हिस्सा गिर सकता है। गिरते प्लास्टर को ठीक करने के बजाय पूरे अस्पताल की मरम्मत का प्रस्ताव भेजने का भरोसा दिया जा रहा है। सवाल उठता है कि इस दौरान कोई हादसा हो गया, तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। अस्पताल की चार में से तीन लिफ्ट बंद हैं। कुछ दिन पहले तक तो इनका सेंसर भी खराब था। वहां उपस्थित अधिकारी ने बताया कि एक लिफ्ट चालू है, जबकि बाकी को ठीक किया जा रहा है।
स्थानीय नगरसेवक संदीप पटेल ने कहा, ‘स्थिति सुधारने के लिए प्रया स हो रहा है। प्रशासन से पत्र-व्यवहार में लगा हूं। अस्पतालों को व्यवस्थित करने की कोशिश कर रहा हूं।’ मनपा डीएमसी (स्वास्थ्य) सुनील धामणे ने बताया, ‘अस्पताल से हमें लिफ्ट खराब होने की जानकारी मिली है। एसी खराब होने की सूचना हमारे पास नहीं है। मैं जल्द ही अस्पताल का दौरा करूंगा।’
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