मुंबई। राजनीतिक पद न लेने की परंपरा ठाकरे परिवार में लंबे समय से रही है। यही कारण था कि न तो बाला साहेब और न ही उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कोई राजनीतिक पद संभाला। यहां तक कि बाला साहेब के भतीजे राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने भी न कभी चुनाव लड़ा और न राजनीतिक पद पर आसीन हुए। लेकिन लगता है अब यह परंपरा टूटने वाली है। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि अब आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) को महाराष्ट्र की कमान संभालनी चाहिए।
राउत के मुताबिक यह शिवसेना की मुख्यमंत्री पद पर यात्रा की शुरुआत होगी। संजय राउत ने महाराष्ट्र में एक रैली के दौरान यह बात कही है। दरअसल आदित्य ठाकरे ने गुरुवार से अपनी जन आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत की है। हालांकि खुद को आक्रामक तौर पर सीएम कैंडिडेट बताने से उन्होंने परहेज किया। लेकिन संजय राउत के भाषण के दौरान शिवसेना का राजनीति उद्देश्य स्पष्ट हो गया।
आदित्य ठाकरे ने अपने भाषण के दौरान वहां मौजूद लोगों को लुभाने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘मैं यहां कुछ भी हासिल करने नहीं आया हूं। मैं यहां आप लोगों के आशीर्वाद के लिए आया हूं। मेरे दादा और पिता ने मुझे सिखाया है कि मुझे आपका प्यार और दुआएं हासिल करनी चाहिए। चुनाव जीतने के बाद कोई भी आशीर्वाद लेने वापस नहीं आता। लेकिन मैं उन लोगों को धन्यवाद देने आया हूं जिन्होंने हमें वोट दिया और उन्हें मनाने भी जिन्होंने हमें वोट नहीं दिया।’
उन्होंने कहा कि लोग चार धाम यात्रा पर जाते हैं, मेरे लिए यह तीर्थ यात्रा है। ठाकरे ने संभावना जाहिर की कि आने वाले चुनावों में सिर्फ भगवा लहराएगा। उन्होंने रैली में मौजूद लोगों को आश्वासन दिया कि अगर कोई भी जरूरत हो तो शिव सैनिक को फोन लगाइए। आदित्य ठाकरे यह भी कहा कि अपनी यात्रा के दौरान वो जिन मुद्दों से रूबरू होंगे उनसे सीएम देवेंद्र फडणवीस को रूबरू कराया जाएगा।
यात्रा के दूसरे दिन आदित्य ठाकरे की रैली धुले में है। शिव सेना ने आदित्य ठाकरे की इस रैली की शुरुआत के लिए महाराष्ट्र के उत्तरी हिस्से को चुना है। इसका कारण पिछले कुछ समय में पार्टी का इस इलाके में कमजोर होना भी है। यात्रा के पहले चरण में पांच जिलों में आदित्य की रैलियां होंगी। इनमें जलगांव, धुले, नाशिक और नगर हैं। यात्रा का पहला चरण 22 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
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