साभार/ मुंबई। एक जमाने में मुंबई से पेशावर (पाकिस्तान) तक चलने वाली पंजाब मेल 106 साल पुरानी हो चुकी है। मध्य रेलवे की यह ऐतिहासिक ट्रेन फ्रंटियर ट्रेन से भी 16 साल पुरानी है। बताया जाता है कि पंजाब मेल ने अपनी पहली यात्रा बेलार्ड पियर मोल स्टेशन से 01 जून 1912 को प्रारंभ की थी। उस जमाने में बेलार्ड पियर मोल स्टेशन जीआईपी रेल की सेवाओं का एक स्टेशन था।
मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुनील उदासी के अनुसार पंजाब मेल जीआईपी रूट के माध्यम से निश्चित डाक दिनों पर सीधे पेशावर तक जाती थी और लगभग 47 घंटों में 2,496 किमी की दूरी तय करती थी। इस गाड़ी में 6 डिब्बे थे। इन सवारी डिब्बों की क्षमता केवल 96 यात्रियों की थी। विभाजन से पहले की अवधि में पंजाब मेल ब्रिटिश भारत की सबसे तेज रफ्तार ट्रेन थी।
वर्तमान में इसमें एक वातानुकूलित प्रथम श्रेणी सह वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी शयनयान, एक वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी शयनयान, 5 वातानुकूलित तृतीय श्रेणी शयनयान, 10 शयनयान, एक भोजनयान, तीन सामान्य द्वितीय श्रेणी के डिब्बे तथा 2 सामान्य द्वितीय श्रेणी के डिब्बे सह गार्ड ब्रेकयान है।
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