संवाददाता/ मुंबई। दक्षिण मुंबई के नागपाडा (Nagpada) इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ महिलाओं का अनिश्चितकालीन प्रदर्शन तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा। यहां पर दिल्ली के शाहीन बाग इलाके की तर्ज पर महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं, इसीलिए इस प्रदर्शनस्थल को अब लोगों ने मुंबई बाग कहना शुरू कर दिया है। इसमें शामिल महिलाओं ने कहा कि वे सीएए से आजादी चाहती हैं। उन्होंने उद्धव ठाकरे सरकार से मांग की कि अन्य राज्यों की तर्ज पर विधानसभा में नए कानून के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करे।
बता दें कि 26 जनवरी की रात से ही 500 से अधिक महिलाएं और सैकड़ों पुरुष सीएए, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) के खिलाफ नागपाडा में अरबिया होटल के बाहर मोरलैंड मार्ग पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल अधिकतर महिलाएं मदनपुरा, झूला मैदान, अग्रीपाडा और मुंबई सेंट्रल इलाके की रहने वाली हैं।
हम भारत के लोग संगठन के फिरोज मिठीबोरवाला ने कहा कि शाहीन बाग से प्रेरित हमारा मुंबई बाग का प्रदर्शन तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है। दिनभर प्रदर्शन में शामिल कुल महिलाओं की संख्या करीब एक हजार है। इसके अलावा हर दिन 300 पुरुष से अधिक प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं। जब तक मोदी सरकार इस क्रूर और असंवैधानिक सीएए, एनआरसी और एनपीआर को वापस नहीं ले लेती, तब तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा।
प्रदर्शन में शामिल लॉ की छात्रा फातिमा खान ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि राज्य सरकार विधानसभा में सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित करे। अब तक केरल, राजस्थान, पंजाब और पश्चिम बंगाल सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुके हैं।’
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