शिवसेना का सफाया करने की फिराक में BJP

संवाददाता/ मुंबई। शतरंज के खिलाड़ी हार बर्दाश्त नहीं करते, भले ही उन्हें अपनी चाल चलने में थोड़ा समय ही क्यों न लगे। कुछ ऐसी ही स्थिति शिवसेना और भाजपा में देखी जा रही है। इससे पहले भाजपा ने JMM को पस्त कर अपने आप में समाहित कर लिया है। झारखंड के तर्ज पर भाजपा द्वारा शिवसेना को तोड़ा जा रहा है। तोड़-फोड़ में भाजपा के कई नेता माहिर हैं। इसकी मिसाल गोवा विधानसभा और मणिपुर भी है, जहां ज्यादा सीटें जीत कर भी हार गई कांग्रेस! अगर शिवसेना ढीली पड़ी तो महाराष्ट्र से सेना का वजूद समाप्त हो सकता है?

गौरतलब है कि शिवसेना को मनपा का लॉलीपाप देकर भाजपा महाराष्ट्र में बहुमत से अपनी सरकार बनाने की फिराक में है। इस लिए भाजपा द्वारा राजनीति बारीकियों को भांप-भांप कर शिवसेना सुप्रिमों की टिप्पणियों का जवाब दिया जा रहा है। कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बजाए दूसरे नेता जवाब दे रहे हैं। कांग्रेस मुक्त भारत अभियान चलाने वाली भाजपा के नेताओं को शिवसेना की राजनीति फूटी आंख नहीं सुहाती। इस लिए अब वे सोशल मीडिया का सहारा लेने के साथ-साथ महाराष्ट्र के कुल 288 विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाने के फिराक में है।

इसके लिए भाजपा द्वारा सर्वे भी कराया जा चुका है। सर्वे के मुताबिक शिवसेना से भाजपा को कोई खतरा नहीं है। उल्लेखनीय है कि शिवसेना से रोज रोज हो रही अनबन के बीच भाजपा ने एक आंतरिक सर्वे कराया है, जिसमें राज्य की 288 विधानसभा सीटों में करीब 170 सीटों पर जीत के संकेत मिले हैं।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे की धमकी का पार्टी पर कोई असर नहीं है। वैसे तो तोड़फोड़ की राजनीति करनी हो तो मध्यावधि चुनाव की नौबत ही नहीं आएगी। चूंकि कांग्रेस-एनसीपी और कई विधायक उनके संपर्क में हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर गलत संदेश नहीं जाए, इसलिए जरूरत पड़ी तो जोड़तोड़ की जगह पार्टी नए सिरे से जनादेश प्राप्त करेगी।

सूत्रों के अनुसार नगर निगम चुनाव के पहले भाजपा ने कई दौर के सर्वे कराए थे। मुंबई को छोड़ दिया जाए तो पार्टी का आंतरिक सर्वे पूरी तरह सही साबित हुआ है। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री फडणवीस ने व्यक्तिगत बातचीत में दावा किया था कि ठाणे को छोड़कर सभी निगमों में भाजपा का झंडा फहराएगा।
मनपा चुनाव में शिवसेना के 84 के मुकाबले भाजपा को 94 नगरसेवकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन मुख्यमंत्री ने सरकार चलाने के लिए एकमुश्त सत्ता शिवसेना को सौंप दी थी।

सूत्र बताते हैं कि पिछले सप्ताह दिल्ली में भाजपा के नेताओं की एक बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया की महाराष्ट्र में शिवसेना क्यों? हम अपने बूते पर महाराष्ट्र में जनादेश प्राप्त कर सकते हैं।

 442 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *