पीएमसी बैंक बना चुनावी मुद्दा

संवाददाता/ मुंबई। चुनाव के इस मौसम में पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को ऑपरेटिव बैंक (Punjab and Maharashtra co-op bank) (पीएमसी) एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है। गुरुवार को कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP) दोनों ही पार्टी के नेता बैंक के खाताधारकों में अपना वोट बैंक बनाने के लिए सक्रिय रहे। कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम तेजी से इस मुद्दे पर आगे आए, वहीं बीजेपी की तरफ से पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने मोर्चा संभाला।

निरुपम जहां इस मुद्दे को लेकर सीधे सड़क पर उतर आए हैं वहीं बीजेपी सत्ताधारी पक्ष होने के कारण सधे तौर पर आगे बढ़ रही है। गुरुवार को निरुपम पीएमसी बैंक के खाताधारकों को साथ लेकर बैंक की भांडुप स्थित सेंट्रल ब्रांच पहुंच गए। इसी ब्रांच में रिजर्व बैंक के प्रशासक भी बैठते हैं।

खाताधारकों की तरफ से निरुपम ने रिजर्व बैंक के प्रशासक से सीधा सवाल किया कि बैंक के कामकाज में निवेशकों और खाताधारकों का क्या गुनाह है। उन्हें क्यों सजा दी जा रही है। छह महीने में 1000 रुपये यानी महीने के 150 रुपये खाते से निकालने की इजाजत देकर रिजर्व बैंक खाताधारकों के साथ मजाक कर रहा है। इसके बाद शाम को खबर आई कि रिजर्व बैंक में पैसे निकालने की मर्यादा 1000 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दी है।

वहीं बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने बीजेपी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पीएमसी बैंक के छोटे निवेशकों और खाताधारकों के हितों की रक्षा के लिए वह कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस बारे में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर और रिजर्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि बैंक से पैसे निकालने की मर्यादा एक लाख रुपये तक करने की मांग उन्होंने राज्यमंत्री ठाकुर से की है।


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