साभार/ मुंबई। अगर आप अब भी प्लास्टिक के इस्तेमाल की आदत नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो खबरदार हो जाइए। 23 जून से, यानी महज 5 दिन (120 घंटे) बाद प्लास्टिक का इस्तेमाल करते पाए जाने पर बीएमसी भारी जुर्माना वसूलेगी। प्रशासन की ओर से प्लास्टिक बंदी को प्रभावी तरीके से लागू कराने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है।
हालांकि, प्लास्टिक के पर्याप्त विकल्प उपलब्ध नहीं होने की वजह से व्यापारियों और जनता में भ्रम की स्थिति कायम है। प्लास्टिक बैग्स के अलावा थर्मोकोल, स्ट्रॉ और चम्मच समेत तमाम प्लास्टिक उत्पादों पर रोक लगाने की तैयारी है।
प्लास्टिक के विकल्पों के बारे में जानकारी देने के लिए बीएमसी ने वर्ली में 22 से 24 जून तक एक प्रदर्शनी का आयोजन किया है। इसमें अभिनेता अजय देवगन और काजोल समेत अनेक हस्तियां मौजूद रहेंगी। इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे किरण दिघावकर ने बताया कि प्रदर्शनी में कागज-जूट बैग, डिग्रेडेबल थैलियों के उत्पादक, बॉटल क्रशिंग और प्लास्टिक रीसाइकलिंग करने वाले तमाम विकल्पों की जानकारी देंगे।
कहां दें प्लास्टिक
-आपके पास अब भी प्लास्टिक बचा है, तो उसे मनपा के संग्रह केंद्र पर जमा कर सकते हैं।
-अधिक प्लास्टिक हो, तो 18000222357 पर फोन करके उसे ले जाने की गुजारिश कर सकते हैं।
-ये केंद्र वॉर्ड ऑफिस और प्रमुख बाजारों में बनाए गए हैं।
भारी जुर्माना लगेगा
200 इंस्पेक्टरों की टीम बनाई गई है प्लास्टिक बंदी को लागू करने के लिए।
5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा प्लास्टिक का इस्तेमाल करने वालों पर पहली बार।
25 हजार रुपये तक हो जाएगा जुर्माना बाद में।
व्यापारियों में गुस्सा
फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर असोसिएशन ने बुधवार को दादर में दुकानदारों की बैठक बुलाई है। असोसिएशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने कहा, ‘जब बड़े उत्पादकों को प्राथमिक पैकेजिंग के लिए प्लास्टिक के इस्तेमाल की छूट है, तो छोटे दुकानदारों को यह क्यों नहीं मिल रही है? हमारा पूरा धंधा चौपट हो जाएगा।’ कई प्रतिनिधिमंडल प्लास्टिक बंदी की जद से तमाम उत्पादों को बाहर निकालने के लिए सरकार से चर्चा कर रहे हैं।
कई प्रतिनिधिमंडल प्लास्टिक बंदी की जद से तमाम उत्पादों को बाहर निकालने के लिए सरकार से चर्चा कर रहे हैं। पर्यावरण की दृष्टि से प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाना स्वागतयोग्य है। हालांकि लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुके प्लास्टिक को हटाने से पहले इसके पर्याप्त विकल्प बताए जाने जरूरी हैं। प्लास्टिक रीसाइकलिंग की प्रभावी योजना लाकर भी पर्यावरण को बचाया जा सकता है। सरकारी आदेश देने मात्र से जमीनी हकीकत बदल पाना काफी मुश्किल है।
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