बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाते मनपाकर्मी
विशेष संवाददाता/ मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट के मना करने के बाद भी मनपा एम पश्चिम के अधिकारियों द्वारा वाशीनाका के शरदनगर व इस्लामपुरा के झोपड़ाधारकों को माहुल के म्हाडा कॉलोनी में जबरन भेजने की तैयारी की है। इसके तहत पिछले सप्ताह करीब आधा दर्जन लोगों को माहुल म्हाडा के फ्लैटों की चाभियों का वितरण किया गया। लेकिन अब चाभियां वापस ले रहे हैं। मनपा के अधिकारियों के आतंक से भयभीत वाशीनाका की जनता अदालत का दरवाजा खटखटाने वाली है।
मिली जानकारी के अनुसार बॉम्बे हाईकोर्ट के अलावा हाल ही में महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर, म्हाडा अध्यक्ष उदय सामंत और मनपा आयुक्त अजोय मेहता ने माहुल के म्हाडावासियों को स्थानांतरित कराने के मुद्दे पर विशेष बैठक की। इस बैठक में सबंधित विभागों के अधिकारियों को भी बुलाया गया था। उक्त बैठक में कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए तीनों आला अधिकारियों ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया कि विभिन्न परियोजनाओं के प्रभावितों को माहुल के म्हाडा से हटा कर गोराई और गोरेगांव में पुनः पुनर्वास कराया जाएगा। लेकिन मनपा एम पश्चिम के अधिकारी कोर्ट और आला कमान के आदेशों को ताक पर रखकर वाशीनाका की जनता को माहुल भेजने पर तुले हैं।
इसके तहत मनपा एम पश्चिम के अधिकारियों ने भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच वाशीनाका के शरदनगर, जीजामाता नगर में जमकर तोड़क कार्रवाई की। इस कार्रवाई में कई ऐसे झोपड़ों को भी तोड़ा गया जिन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया था। हालांकि इस दौरान स्थानीय लोगों ने मनपा के अभियंता व अधिकारियों से बच्चों की परीक्षा का हवाला भी दिया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में सवाल यह उठता है कि वाशीनाका के शरद नगर में बिना नोटिस के तोड़े गए झोपड़ाधारकों का क्या होगा?
इसके अलावा बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेशों की अव्हेलना करने की सजा क्या? स्थानीय लोगों का कहना है कि मनपा एम पश्चिम के अधिकारी महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर, म्हाडा अध्यक्ष उदय सामंत और मनपा आयुक्त अजोय मेहता के आदेशों को भी नहीं मानते। स्थानीय लोगों ने शंका जताई है कि अगर यह सब राजनीति खेल का स्याह पहलू है तो कोर्ट के आदेशों को क्या कहा जा सकता है। मनपा कर्मियों कि इस कार्रवाई से साफ होता है कि वे महापौर, मनपा आयुक्त और म्हाडा के अध्यक्ष की नहीं सुनते।
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