साहित्य- संस्कृति का रखवाला पासबान-ए-अदब

संवाददाता/ मुंबई। भारतीय संस्कृति सभ्यता और साहित्य को संजोते हुए उसे पूरे देश और दुनिया में सहेजने का काम पुलिस महानिरीक्षक कैसर खालिद अपनी साहित्यिक संस्था पासवान-ए-अदब (Pasbaan-E-Adab) के जरिए कर रहे हैं। इसे और आगे बढ़ाने के लिए लोगों को आगे आना चाहिए । उक्त उद्गार उत्तर भारतीय एकता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं समाज सेवक, उद्योगपति अशोक सिंह ने व्यक्त किए। वह पासबान-ए-अदब द्वारा आयोजित हिंदी साहित्य के कार्यक्रम “अनुभूति” में विशेष अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।

पत्रकारों से बातचीत करते समय उन्होंने कहा कि आज देश की संस्कृति और सभ्यता को जीवंत बनाए रखने के लिए साहित्य सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण जरिया है। आज इसकी बहुत आवश्यकता है। मुझे खुशी है की यह काम पासबान-ए-अदब बखूबी कर रहा है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की गरिमामय उपस्थिति में देश के वरिष्ठ रचनाकारों के बीच अशोक सिंह ने वरिष्ठ कवि एवं साहित्यकार अशोक चक्रधर का सत्कार भी किया । इससे पहले संस्था के पदाधिकारियों ने अशोक सिंह को सम्मानित किया।

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