मुंबई। मुंबई में अब सिर्फ 1 लाख फेरीवालों को ही कारोबार करने के लिए लाइसेंस मिलेंगे। इनके अलावा शहर में मौजूद शेष सभी फेरीवालों पर कार्रवाई की जाएगी। मनपा की ओर से जारी इस आदेश की एक उच्चाधिकारी ने पुष्टि की है। कहा जा रहा है कि फेरीवालों की संख्या घटाने का फैसला शहर में जगह की कमी को देखते हुए लिया गया है। हालांकि मौजूदा नियमों के मुताबिक, शहर की जनसंख्या के 2.5 प्रतिशत के अनुपात में फेरी करने का लाइसेंस दिया जा सकता है। इसके मुताबिक मुंबई में करीब 2.5 से 3 लाख फेरीवाले बैठ सकते हैं।
अधिकारी के मुताबिक, फेरीवालों को लेकर कोई भी फैसला टाउन वेंडिंग कमिटी (टीवीसी) ही लेगी, लेकिन हम पुराने सर्वे के आधार पर ही आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि टीवीसी के गठन होते ही नए सर्वे की बजाय पुराने सर्वे के आधार पर कागजात की जांच शुरू होगी। यदि कोई फेरीवाला पुराने कागजात पेश करेगा तो हम उस पर विचार करेंगे, लेकिन ऐसा कम ही होगा।
मुंबई की जनसंख्या और विस्तृत क्षेत्रफल को देखते हुए 1 की बजाय हर जोन के लिए एक, यानी कुल 7 टाउन वेंडिंग कमिटी बनाई जाएगी। इस संदर्भ में प्रस्ताव तैयार कर बीएमसी कमिश्नर की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। यहां से हरी झंडी मिलते ही इसे राज्य सरकार के पास भेज दिया जाएगा। इस बार कमिटी के सदस्यों में फेरीवालों के भी 8 प्रतिनिधि शामिल करने की तैयारी है। हर जोन में बनने वाली कमिटी में संबंधित जोन के डीएमसी होंगे।
उन्होंने बताया कि जिन फेरीवालों का सर्वे हो चुका है, उनके कागजात की जांच कर जल्द ही उन्हें आई-कार्ड जारी किया जाएगा। टीवीसी बनते ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके बाद वैध फेरीवालों को कार्रवाई से राहत मिल सकेगी।
मनपा अधिकारी ने बताया कि 22,000 से ज्यादा जगह तो पहले से ही तय हैं, हम वॉर्ड अधिकारी से बात कर यह जांच कर रहे हैं कि यह रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थल के पास तो नहीं है। यदि ऐसा हुआ तो कुछ लाइसेंसी फेरीवालों को भी दूसरी जगह बिठाया जाएगा। हमारे सामने चुनौती यह है कि हम फेरीवाला क्षेत्र बनाएं कहां, मुंबई की वर्तमान स्थिति को देखते हुए इस तरह की जगह खोजना काफी मुश्किल साबित होगा।
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