मुंबई। आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के बीच रस्साकशी जारी है। दोनों पार्टियों के बीच शुक्रवार को इस मुद्दे पर मंथन हुआ लेकिन यह किसी सार्थक निर्णय तक नहीं पहुंच सकी। बैठक में दोनों दलों ने सीट बंटवारे को लेकर लंबी चर्चा की।
इस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने दिल्ली में बयान दिया कि 31 अक्टूबर से पहले सीट बंटवारे का निर्णय हो जाना चाहिए जिससे प्रचार के लिए भरपूर वक्त मिल सके। पवार के बयान पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने कहा कि उनकी भी कोशिश होगी कि सीट बंटवारा जल्द से जल्द हो जाए, लेकिन उन्होंने कोई मियाद नहीं बताई।
लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे सहित अन्य मसलों को लेकर कांग्रेस और एनसीपी की बैठक विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे के सरकारी आवास पर देर रात तक जारी रही। बैठक में कांग्रेस की तरफ से प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण, विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, माणिकराव ठाकरे शामिल हुए जबकि एनसीपी की तरफ से प्रदेश अध्यख जयंत पाटिल, पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार, छगन भुजबल, सुनील तटकरे, दिलीप वलसे पाटिल शामिल हुए।
बता दें कि महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। एनसीपी ने कांग्रेस के सामने 25 सीटों की मांग की है। बैठक की शुरुआत में महाराष्ट्र में सूखे की स्थिति पर चर्चा हुई। उसके बाद सीटों के बंटवारे पर बातचीत हुई। इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी और दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था।
उधर समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आजमी ने भी सीट बंटवारे को लेकर चव्हाण से चर्चा की। भारतीय रिपब्लिकन पार्टी बहुजन महासंघ के नेता प्रकाश आंबेडकर को मनाने के लिए कांग्रेस विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता विखे पाटील और माणिकराव ठाकरे को उनके घर भेजेगी ताकि आंबेडकर को महागठबंधन में शामिल किया जा सके।
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