नीटी का 24वां दीक्षांत समारोह संपन्न

मुंबई। राष्ट्रीय औद्योगिक इंजीनियरी संस्थान (नीटी) का 24वां दीक्षांत समारोह 08 सितंबर को नीटी के विशाल और हरे-भरे परिसर में उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर 5 एफ वर्ल्ड एवं सोशल वेंचर पार्टनर्स इंडिया के अध्यक्ष डॉ. गणेश नटराजन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। मंच पर नीटी के चेअरमैन प्रो. संजय गोविंद धांडे, निदेशक प्रो. करुणा जैन सहित संकायाध्यक्ष, आदि उपस्थित थे।

समारोह में प्रो. संजय गोविंद धांडे तथा प्रो. करुणा जैन की उपस्थिति में मुख्य अतिथि के कर कमलों से नीटी के 404 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्रदान किया गया। इनमें फैलो कार्यक्रम के 15, औद्योगिक इंजीनियरी के 94, औद्योगिक प्रबंधन के 228, औद्योगिक सुरक्षा एवं पर्यावरणीय प्रबंधन के 13, विनिर्माण प्रबंधन के 28 तथा परियोजना प्रबंधन के 26 विद्यार्थियों का समावेश था। इस अवसर पर संस्थान के उत्कृष्ट विद्यार्थियों को विविध पुरस्कार श्रेणी के अंतर्गत विशेष मेडल व ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया गया।

डॉ. गणेश नटराजन ने अपने दीक्षांत भाषण में सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नीटी के विद्यार्थी अपने मूल्यों एवं जिम्मेदारियों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उनहोंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त कि वे स्वयं संस्थान के विद्यार्थी रह चुके हैं और अपने ज्ञान कौशल के बल पर एप्टेक और जेनसार जैसी सुप्रसिद्ध कंपनियों के साथ काम करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि नीटी में गुणवत्ता शिक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाता है जिससे वे दुनिया के किसी भी कोने में अपना कैरियर बनाने और व्यवसाय प्रारंभ करने में सक्षम हैं।

प्रो. संजय गोविंद धांडे ने पुरानी शिक्षा प्रणाली में सुधार लाकर वर्तमान समय की मांग के अनुरूप तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानव और मशीन में काफी बदलाव आ गया है ऐसे में शिक्षा में बदलाव जरूरी हो गया है। नीटी ने इस वर्ष भी विद्यार्थियों को शत-प्रतिशत नौकरी दिलाने (प्लेसमेंट) का अपना रिकॉर्ड बरकरार रखा है। विद्यार्थियों को औसत वेतन रू. 18.56 लाख आमंत्रित किया गया है।

प्रो. (सुश्री) करुणा जैन ने अपने संबोधन में कहा कि नीटी देश के उद्योग जगत की मांगों के अनुरूप अपने विद्यार्थियों को शिक्षित करने और नवाचार के जरिए विकसित करने के लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने छात्रों को अपनी वास्तविक परिसंपत्ति बताया जिनकी सफलता के पीछे मुख्य स्तंभ प्राध्यापक हैं। समारोह में देश भर से आए अतिथिगण के साथ संस्थान के प्राध्यापक, अधिकारी, कर्मचारी व विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

नीटी, 1963 में अपनी स्थापना के बाद से ही ज्ञान प्रेरित उत्पादकता के धारा प्रवाह में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रयत्नशील है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी एनआरएफ रैंकिंग-2018 में नीटी देश के प्रबंधन संस्थानों में 14वें स्थान पर है जबकि इंजीनियरी संस्थानों में 44वें स्थान पर है।

नीटी को वर्ल्ड एजुकेशन कांग्रेस द्वारा नवंबर, 2017 में “डॉ. अरुण अरोरा बेस्ट एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया” का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। साथ ही, यस बैंक के नेचुरल कैपिटल अवार्ड 2018 के अंतर्गत “भारत में वर्ष का श्रेष्ठ ईको कैंपस” का पुरस्कार प्राप्त हुआ है।

राजभाषा हिंदी के श्रेष्ठ कार्यान्वयन में भी नीटी देश के शीर्ष स्थान पर है और गृह मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से वर्ष 2017-18 के लिए “राजभाषा कीर्ति का प्रथम पुरस्कार” देने की घोषणा की गई है। आगामी 14 सितंबर, 2018 को हिंदी दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन, नई दिल्ली में भारत के उपराष्ट्रपति माननीय वेंकैया नायडु के हाथों यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

 


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