साभार/ मुंबई। केरल में पाए गए निपाह वायरस का एक भी मरीज महाराष्ट्र में नहीं है और न ही इसे लेकर राज्य में फिलहाल घबराने की स्थिति है। इसके बावजूद किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सभी अस्पतालों को अलर्ट रहने को कहा गया है। मंगलवार को मंत्रालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक में निपाह वायरस के संभावित खतरे से निपटने के उपायों और तैयारियों पर चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता डॉक्टर दीपक सावंत ने की। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. दीपक सावंत ने राज्य के लोगों से निपाह वायरस से न घबराने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर इस वायरस के लक्षण किसी में दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
स्वास्थ्य मंत्री ने मुंबई और महाराष्ट्र के लोगों से आग्रह किया कि अगर बहुत जरूरी न हो, तो वे निपाह वाररस प्रभावित केरल के कोझिकोड और अन्य क्षेत्रों की यात्रा करने से बचें। साथ ही, केरल से आने वाले लोगों की विशेष चिकित्सा जांच के निर्देश भी उन्होंने दिए। डॉ. दीपक सावंत के अनुसार, निपाह वायरस एक संक्रामक रोग है, इसलिए इससे पीड़ित मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर, नर्स और अन्य सरकारी कर्मचारियों को अपनी सुरक्षा के बारे में सतर्क रहने को कहा गया है। उन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन के सार्वभौमिक सुरक्षा मानकों का पालन करने को भी कहा गया है।
उच्च स्तरीय बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री और राज्य के डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि वे बाजार में मिलने वाले कटे हुए फल या फिर जंगलों में पड़े फल, आधे खाए हुए फल आदि का सेवन करने से बचें, क्योंकि यह पाया गया है कि निपाह वायरस फलों पर बैठने वाले सूक्ष्म जीवों के जरिए ही तेजी से फैल रहा है। साथ ही, पालतू जानवरों को भी इससे बचाने के उपाय करने को कहा गया है।
दक्षिण भारत के राज्य केरल के कोझिकोड़ जिले में निपाह वायरस (एनआईवी) से लोगों के बीच डर का माहौल बना हुआ है। यह एक तरह का दिमागी बुखार है जिसकी चपेट में आने से अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल इस बीमारी से निपटने के लिए कोई टीका या दवा मौजूद नहीं है। एनआईवी (NIV) की पहचान पहली बार 1998 में मलेशिया के कैम्पंग सुंगई निपाह में एक बीमारी फैलने के दौरान हुई थी। यह चमगादड़ों से फैलता है और इससे जानवर और इंसान दोनों ही प्रभावित होते हैं।
निपाह वायरस के लक्ष्ण
निवाह वायरस की चपेट में आने वाले व्यक्ति को बुखार होता है। सामान्य लक्षणों में बुखार, सिर दर्द, बेहोशी और मतली शामिल होती है। कुछ मामलों में, व्यक्ति को गले में कुछ फंसने का अनुभव, पेट दर्द, उल्टी, थकान और निगाह का धुंधलापन महसूस हो सकता है।
- ऐसे बचें निपाह वायरस से
- सुनिश्चित करें कि आप जो खाना खा रहे हैं वह किसी चमगादड़ या उसके मल से दूषित नहीं हुआ हो, चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाएं।
- पाम के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी टोडी शराब पीने से बचें।
- बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क न करे, यदि मिलना ही पड़े तो बाद में साबुन से अपने हाथ को अच्छी तरह से धो लें।
- आमतौर पर शौचालय में इस्तेमाल होने वाली चीजें, जैसे बाल्टी और मग को खास तौर पर साफ रखें।
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